प्रयागराज में में कुम्भ के दौरान सड़क चौड़ीकरण में बड़ी संख्या में पेड़ काटे गए हैं. ऐसे में अब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पेड़ों के बदले पेड़ लगाने की मांग में दाखिल जनहित याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने केन्द्र सरकार से मांगा जवाब

कुंभ के समय सड़क चौड़ीकरण के लिए काटे गये थे बड़ी संख्या में पेड़

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PRAYAGRAJ : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रयागराज शहर में कुम्भ के दौरान सड़क चौड़ीकरण में कटे पेड़ो के बदले पेड़ लगाने की मांग में दाखिल जनहित याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. पूछा है कि पेड़ो की सुरक्षा के लिए फण्ड बनाने के आदेश के अनुपालन में क्या कदम उठाये है. याचिका की सुनवाई 12 जुलाई को होगी.

सवा लाख हरे पेड़ काटे गये थे
यह आदेश जस्टिस पीकेएस बघेल और आरआर अग्रवाल की खंडपीठ ने ज्योति वर्मा, शिवनाथ तिवारी व अन्य विधि छात्रों की जनहित याचिका पर दिया है. केंद्र सरकार की तरफ से अधिवक्ता राजेश त्रिपाठी ने पक्ष रखा. याचियों का कहना है कि प्रयागराज शहर में सवा लाख हरे पेड़ काट डाले गए. उनकी भरपाई के लिए सड़क चौड़ीकरण के बाद जो पेड़ लगाए गए हैं उनकी सुरक्षा का इंतजाम नही किया गया. याचिका में काटे गए पेड़ो की संख्या बताने तथा बिना कोर्ट की अनुमति के पेड़ों के काटने पर रोक लगाने की मांग की गयी है. याची का कहना है कि शीशम, आम, जामुन, बरगद, पाकड़, इमली, पीपल आदि पेड़ लगाए जाने चाहिये जबकि लगवाए ऐसे पेड़ जा रहे हैं जो देखने में तो खूबसूरत होंगे लेकिन उसका कोई उपयोग नहीं होगा. पब्लिक को भी इसका कोई फायदा नहीं मिलेगा.

Posted By: Vijay Pandey