- 237 हेक्टेयर का लक्ष्य वन विभाग के पास है 225.97 हेक्टेयर भूमि

BAREILLY:

बरेली में जनसंख्या की तुलना में पेड़ों की संख्या बेहद कम हैं। ऊपर से वाहनों की बढ़ती संख्या ने वातावरण को और दूषित कर दिया है। इसका एक ही उपाय है अधिक से अधिक पौधरोपण हो। ताकि भविष्य में हमें दूषित वातावरण से निजात मिल सके, लेकिन जिले की स्थिति काफी दयनीय हैं। बरेली प्रभाग के अंतर्गत वन भूमि 225.97 हेक्टेयर ही है। जबकि, वन विभाग ने इस वर्ष 237 हेक्टेयर में पौध लगाने का लक्ष्य तय कर रखा हैं। ऐसे में, बाकी जमीन की कमी पौध रोपण में बाधा उत्पन्न कर सकती है।

जमीन की पड़ेगी जरूरत

इस वर्ष जिले में करीब 4 लाख पौध लगाने का लक्ष्य हैं। इसके हिसाब से 12 हेक्टेयर भूमि वन विभाग के पास कम हैं। क्योंकि, जितना हेक्टेयर विभाग ने लक्ष्य बना रखा है, उसके लिए भूमि कम है। हालांकि, दूसरे विभागों की जमीन और नदी किनारे वाली भूमि मिला पर पौधे लगाकर टारगेट पूरा किया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर पिछले वर्ष लगे पौध काफी संख्या में सूख चुके हैं। इनकी जगह नए पौध लगाने की भी योजना वन विभाग ने बनाई है।

ताकि ऑक्सीजन मिले भरपूर

पत्तेदार पौधे सबसे अधिक ऑक्सीजन बनाती है। ऐसे में जहां तक संभव हो अधिक पत्तियों वाला ही पौध लगाना चाहिए। ताकि वह बड़े होकर वातावरण को बेहतर बनाने में मदद कर सके। एक्सपर्ट की मानें तो पत्तियां एक घंटे में 5 मिलीलीटर ऑक्सीजन बनाते हैं। इसलिए जिस पेड़ में ज्यादा पत्तियां होती हैं उसको लगाना भविष्य के लिए फायदेमंद हैं। पीपल के पेड़ का विस्तार, फैलाव और ऊंचाई बहुत अधिक होती है। पीपल के पेड़ के साथ कई धार्मिक भावनाएं भी जुड़ी होती है। बताया जाता है कि पीपल का पेड़ ही रात में ऑक्सीजन देता है। पीपल का पेड़ और पेड़ों के मुकाबले ज्यादा ऑक्सीजन देता है और दिन में 22 घंटे से भी ज्यादा समय तक ऑक्सीजन देता है। वहीं बांस का पेड़ अन्य पेड़ों के मुकाबले 30 फीसदी अधिक ऑक्सीजन छोड़ता है। इसके अलावा नीम, बरगद भी ऑक्सीजन के लिए लिहाजा से काफी अच्छे हैं।

इस वर्ष 237 हेक्टेयर में पौध लगाने का लक्ष्य है। तैयारियां जोरों पर हैं। मानसून की बारिश शुरू होते ही पौध रोपण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

धर्म सिंह, जिला वन अधिकारी

Posted By: Inextlive