- पॉलीथिन बैन को लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ऑफिस में ऑर्गनाइज हुआ ग्रुप डिस्कशन

GORAKHPUR: 15 जुलाई के बाद से क्या हर तरह का पॉलीथिन प्रतिबंधित हो गया है? पॉलीथिन की फैक्ट्रियों में अगर 50 माइक्रॉन से ज्यादा का उत्पादन हो तो क्या शासन सहमति देगा? फैक्ट्रियों को एनओसी देने के बाद भी बंद क्याें किया जा रहा है? क्या सरकार ने व्यापारियों को पर्याप्त समय नहीं दिया? पॉलीथिन बैन हो जाने से हजारों की संख्या में लोग बेरोजगार हो जाएंगे, क्या इस पर विचार किया गया? पॉलीथिन का विकल्प क्या होगा? क्या पॉलीथिन यूज करने पर भी सजा मिलेगी? सोमवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से ऑर्गनाइज्ड ग्रुप डिस्कशन में मेयर, नगर आयुक्त, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी और विभिन्न व्यापारियों की मौजूदगी में इन सवालों पर मंथन हुआ। व्यापारियों ने पॉलीथिन बैन को जल्दीबाजी में लिया फैसला बताते हुए समय सीमा बढ़ाने की मांग करते हुए विभिन्न समस्याओं की चर्चा की। वहीं निगम के अधिकारियों व मेयर ने बताया कि पॉलीथिन बैन करने वाला उत्तर प्रदेश 19वां प्रदेश बना है और फैसला अचानक नहीं बल्कि एनजीटी व न्यायालय के तमाम आदेशों के मद्देनजर लिया गया है।

मतभेद आए सामने, उलझन हुई दूर

15 जुलाई को 50 माइक्रॉन से पतले पॉलीथिन कैरी बैग को बैन करने के आदेश जारी होने के बाद भी नियमों को लेकर काफी उलझन है। व्यापारियों ने पिछले व नए आदेशों के बीच के अंतर समझने के लिए कई सवाल किए साथ नगर निगम की ओर से की जाने वाली कार्यवाहियों पर भी सवाल खड़े किए। नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश सिंह ने सवालों के जवाब देते हुए बताया कि 15 जुलाई के बाद से केवल 50 माइक्रॉन से कम पॉलीथिन कैरी बैग ही बैन किए गए हैं। पर्यावर्णीय समस्याओं को दूर करने के लिए एनजीटी व न्यायालय के आदेशों के तहत यह शासन स्तर पर यह फैसला लिया है।

पॉलीथिन की एक लेयर हो 50 माइक्रॉन

पॉलीथिन की दो शीट को जोड़कर तैयार की जाती है। शासनादेश के अनुसार 50 माइक्रॉन से कम की पॉलीथिन पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इसे लेकर व्यापारियों और नागरिकों में बहुत कंफ्यूजन है। अभी तक कई व्यापारी यह समझ रहे हैं कि यदि पॉलीथिन के दोनों शीट को मिलाकर भी 50 माइक्रॉन हो जाता है तो वह पॉलीथिन मान्य हो जाएगी। लेकिन ग्रुप डिस्कशन में इस कंफ्यूजन को दूर करते हुए नगर आयुक्त व क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी ने स्पष्ट किया कि पॉलीथिन की एक शीट की मोटाई अगर 50 माइक्रॉन से कम होती है तो पॉलीथिन को मान्य नहीं किया जाएगा।

थिकनेस मीटर से मापी पॉलीथिन

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से आयोजित ग्रुप डिस्कशन में व्यापारियों ने थिकनेस मीटर के जरिए पॉलीथिन मापने की तकनीक के बारे में जाना। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम अपने साथ थिकनेस मशीन लेकर आई थी। टीम ने कई पॉलीथिन को माप कर भी दिखाया जिससे सभी यह समझ सकें कि पॉलीथिन के मोटाई की जांच किस तरह से की जाती है। व्यापारियों के कहने पर टीम ने कई पॉलीथिन के सैंपल की जांच की और आदर्श मोटाई के बारे में बताया।

कोट्स

पॉलीथिन का उत्पादन या व्यवसाय करने वाले व्यापारियों, उद्योगपतियों ने सभी सरकारी नियमों का पालन करते हुए 5 जुलाई तक जो माल इक्ट्ठा किया। अगले ही दिन सरकारी आदेश के बाद वह अवैध घोषित कर दिया गया। हमें समय नहीं मिलेगा तो पॉलीथिन कहां लेकर जाएंगे।

- पवन टिबड़ेवाल, अध्यक्ष, गोरखपुर प्लास्टिक एसोसिएशन

पॉलीथिन बैन करने का सरकार का फैसला सही है लेकिन उसे लागू करने के तरीके को व्यापारियों के हितों अनुसार बनाना चाहिए था। अगर ऐसा नहीं हुआ तो व्यापारियों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।

- चन्द्रकेश, महामंत्री, थोक वस्त्र वेलफेयर सोसाइटी

किराना व्यापार में 300 तरह के प्रोडक्ट होते हैं। सबको झोले में दे पाना संभव नहीं। ग्राहक झोले का खर्च उठाने को तैयार नहीं होता है। जिससे हमारी बिक्री प्रभावित हो रही है।

- गोपाल जायसवाल, किराना व्यापार कमेटी

शासन ने यदि व्यापारियों को पर्याप्त समय दिया होता तो 50 फीसदी से अधिक समस्याओं का समाधान हो गया होता। इतने कम समय में व्यापारी माल का क्या करेंगे।

- कमलेश अग्रवाल, महामंत्री, चेंबर ऑफ ट्रेडर्स

सरकार का फैसला लगन के बाद आया है, जब बिक्री बिलकुल भी नहीं है। आगे भी लगन नहीं है, यदि व्यापारियों को और समय नहीं दिया जाएगा तो हम माल का क्या करेंगे?

- अनूप किशोर अग्रवाल, अध्यक्ष, चेंबर ऑफ ट्रेडर्स

पॉलीथिन बैन करने के नियमों में संशोधन किया गया है। जुर्माना की राशि में भी बढ़ोत्तरी की गई है, यहां तक कि यूज करने पर भी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। एनजीटी के सुझाव और न्यायालय के आदेशानुसार यह बदलाव किए गए हैं। कई विभागों के अधिकारियों की एक टीम गठित की गई है जो कार्यो का निरीक्षण करेगी। अभी तक 1 लाख 8 सौ रुपए जुर्माना वसूल कर 10 क्विंटल पॉलीथिन जब्त की जा चुकी है, आगे भी कार्रवाई होगी।

- प्रेम प्रकाश सिंह, नगर आयुक्त

50 माइक्रॉन से अधिक पॉलीथिन का उत्पादन करने वाली कंपनी का नाम उस पर अंकित होना जरूरी है। बिना निर्माता के नाम के उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।

- मुकेश रस्तोगी, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी

पॉलीथिन के कारण नगर निगम के बजट का एक बड़ा हिस्सा खर्च होने के बाद भी शहर की नालियां साफ नहीं रहती हैं। सरकार को इसे कड़ाई से लागू करना चाहिए। पॉलीथिन से कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं।

- रमाशंकर जायसवाल, अध्यक्ष, सहकार भारतीय उत्तर प्रदेश

कुछ व्यापारियों ने महंगे दाम पर माल बेचने के लिए पॉलीथिन स्टोर कर लिया है। प्रशासन को उन पर कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही व्यापारियों को और समय मिलना चाहिए जिससे वह रखे माल को बेच सकें।

- उमेश जायसवाल, अध्यक्ष, किराना व्यापार कमेटी

पॉलीथिन का उत्पादन करने वाली कंपनियों का प्रोडक्शन फिलहाल बंद करवा दिया गया है। अभी पहले चरण में 50 माइक्रॉन से कम पॉलीथिन के कैरी बैग को पूरी तरह से प्रतिबंधित करना है। उसके बाद ग्लास, प्लेट का उत्पादन करने वाली फैक्ट्रियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।

- घनश्याम प्रसाद, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी

Posted By: Inextlive