अमरनाथ यात्रा के शुरू होने से पहले पाकिस्‍तान सीमा से जोरदार फायरिंग की गई. इस फायरिंग का उद्देश्‍य अमरनाथ यात्रा में रुकावट डालना था हालांकि भारतीय सेना ने जवाबी फायरिंग करते हुए अमरनाथ यात्रियों का पहला जत्‍था रवाना किया.


फायरिंग के बीच पहला जत्था रवानादक्षिणी कश्मीर में स्थित हिंदुओं के तीर्थस्थल अमरनाथ गुफा के दर्शन के लिए पहला जत्था रवाना हो गया है. जम्मू एंड कश्मीर के टूरिज्म मिनिस्टर ने 1,160 यात्रियों वाले इस पहले जत्थे को जम्मू के बेस कैंप से आगे की ओर रवाना किया. गौरतलब है कि इस यात्रा को रोकने के लिए की पाक सीमा की ओर से फायरिंग हुई है जिसका भारतीय सेना ने मजबूती के साथ जवाब दिया. संगीनों के साये में यात्रा


अमरनाथ गुफा की ओर जाने वाली इस यात्रा को पर्याप्त सुरक्षा दी गई. इस दल में 957 पुरुष, 187 महिलाएं और 16 बच्चे हैं. इनकी सुरक्षा के लिए राज्य सरकार के पुलिस बलों अवेलेबल हैं. इन सुरक्षा इंतजामों के साथ टूरिज्म मिनिस्टर गुलाम अहमद मीर जम्मू के भगवती नगर स्थित बेस कैंप से इस दल को रवाना किया. इस दल में  42 व्हीकल्स हैं जिसमें 23 बस और 19 हल्के-छोटे वाहन शामिल हैं. इस दल को सुबह साढे पांच बजे को भारी पुलिस बल के बीच हरी झंडी दिखाई गई. सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद

अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चाकचौबंद इंतजाम किए गए हैं. यात्रा में आने वाली किसी भी तरह की प्रॉब्लम से निपटने के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल को तैयार रखा गया है. इस सिलसिले में जम्मू के कठुआ जिले में लखनपुर की तरफ से आने वाली गाडि़यों की बारीकी से जांच हो रही है. अमरनाथ श्राइन बोर्ड के प्रेसीडेंट राज्यपाल एनएन वोहरा 30 जून से अमरनाथ जाने वाले पहलगाम मार्ग को फिर से खोलने की समीक्षा करेंगे.

Posted By: Prabha Punj Mishra