- जीएसटी के विरोध में व्यापारियों ने किया प्रदर्शन, फ्राइडे को मार्केट बंद

जीएसटी के विरोध में व्यापारियों ने किया प्रदर्शन, फ्राइडे को मार्केट बंद

BAREILLY:

BAREILLY:

जीएसटी कल से लागू हो जाएगी, लेकिन उससे पहले उद्यमियों और व्यापारियों में काफी आक्रोश हैं। लम्बे समय बाद जीएसटी को उद्यमी और व्यापारी तो सही मान रहे हैं, लेकिन जीएसटी के शुरुआती दिनों मेंआर्थिक संकट की संभावना जाहिर कर रहे हैं। जीएसटी के विरोध में अखिल भारतीय उद्योग व्यापारी मंडल और यूपी उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने थर्सडे को प्रदर्शन किया। व्यापारियों ने रैली निकाल कर मार्केट बंद करने का आह्वान किया। फ्0 जून को जीएसटी के विरोध में मार्केट बंद रहेगा। वहीं दूसरी ओर हाथ कागज उद्योग का राष्ट्रीय प्रतिनिधि मंडल थर्सडे को दिल्ली जाकर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार से मुलाकात की और हाथ कागज की माइक्रो उद्योग पर लग रहे क्ख् परसेंट जीएसटी को हटाने की मांग की।

डीजल-पेट्रोल पर जीएसटी नहीं हैं। लेकिन मोबिल ऑयल पर क्8 परसेंट का टैक्स है। इसकी वजह से पूरी अकाउंटिंग करनी पड़ेगी।

अनिल अग्रवाल, प्रेसीडेंट, पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन

नई व्यवस्था व्यापारियों के हित में नहीं हैं। इसका असर पब्लिक पर भी पड़ेगा। जीएसटी के विरोध में फ्राइडे को दाल मिलर्स हड़ताल पर भी रहेंगे।

सुरेश जैन, महामंत्री, बरेली दाल मिलर्स एसोसिएशन

अभी तक माचिस पर भ् परसेंट तक वैट है, लेकिन अब क्8 परसेंट तक टैक्स हो जाएगा। ज्यादातर माल तमिलनाडु से आता है। इससे महंगाई बढ़ेगी।

अंजनी गुप्ता, उपाध्यक्ष, यूपी उद्योग व्यापार मंडल

ख्0 लाख से कम आमदनी वाले व्यापारियों को जीएसटीएन में रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं हैं। इसकी वजह से मेडिकल स्टोर वालों को क्लेम लेने में प्रॉब्लम्स आएगी।

मुकुंद बास, मेडिसिन, होलसेल विक्रेता

जीएसटी लागू करने से पहले होमवर्क नहीं किया गया है। व्यापारी दो महीने आर्थिक कमी से जूझेंगे। व्यापारियों को पुराने स्टॉक पर क्0 परसेंट का नुकसान हैं।

राजेश जसोरिया, महानगर अध्यक्ष, युवा व्यापार मंडल

बिल का कोई फॉर्मेट अभी तक नहीं आया है। ऐसे में हम व्यापार कैसे करेंगे कुछ पाता नहीं है। बिल फॉर्मेट नहीं होने से प्रॉब्लम्स होगी।

नीलेश अग्रवाल, प्रेसीडेंट, मोबिल डीलर्स एसोसिएशन

एक देश एक कर होने से प्रत्येक वर्ग के उद्यमियों एवं व्यवसायी को एक समान अवसर प्राप्त होंगे। कर के जंजाल से मुक्ति मिलेगी।

उन्मुक्त सम्भव शील, महासचिव लघु उद्योग भारती

प्लाई पर ख्8 परसेंट जीएसटी आने से किसानों को काफी नुकसान हो सकता है। क्योंकि यह एग्रो बेस्ड प्रोडक्ट है, जो कि किसानों से जुड़ी रहती है।

दीपांशु अग्रवाल, नेशनल विनियर

जीएसटी उद्योग जगत के हित में हैं, लेकिन जीएसटी के जटिल प्रक्रियाओं में सुधार की जरूरत हैं। नहीं तो आने वाले दिनों में उद्यमियों को प्रॉब्लम्स होगी।

एसके सिंह, प्रेसीडेंट, लघु उद्योग भारती

टैक्स को लेकर कई सारे कंफ्यूजन। जीएसटी में कोई क्0 लाख की मशीन म् ट्रक से भेजता है, तो उसे पहला ट्रक भेजने समय ही क्0 लाख का टैक्स जमा करना होगा।

सुरेश सुंदरानी, आईआईए सीईसी मेंबर

Posted By: Inextlive