सहालग पर GST इफेक्ट: शादी में 6 लाख से अधिक खर्च पर देना होगा 1 लाख टैक्स?
ALLAHABAD: व्यापारियों को जकड़ते हुए जीएसटी का फंदा अब आम लोगों के गले तक पहुंच गया है। सहालग यानी शादी विवाह की खुशियों का जीएसटी बैंड बजाने वाला है। जीएसटी का सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर पड़ेगा, जिन्होंने ठंडी में शादी की डेट फिक्स कर रखी है। क्योंकि मैरेज लान, गेस्ट हाउस व बैंड बाजे, लाइट साउण्ड, हलवाई-कैटरर्स सहित अन्य सर्विस प्रोवाइडर का जीएसटी की वजह से रेट बढ़ गया है।
इस तरह मिलेगी राहतजीएसटी लागू होने के पहले 14 परसेंट का ही सर्विस टैक्स लगता था, मगर, अब 18 से 28 परसेंट टैक्स लगेंगे। मार्केट विशेषज्ञों के मुताबिक जिन्होंने बारातियों के स्वागत में साढ़े पांच लाख रुपये तक का बजट बनाया है, उन्हें करीब 96 हजार रुपये जीएसटी देना पड़ेगा। जानकार कहते हैं कि जीएसटी का असर उस परिवार पर पड़ेगा, जिन्होंने लंबा पैकेज तैयार करके फेमस और जीएसटी में रजिस्टर्ड लान, गेस्ट हाउस, टेंट हाउस, लाइट-साउण्ड, हलवाई-कैटरर्सऔर डेकोरेशन वाले को बुक किया होगा। नॉन रजिस्टर्ड सर्विस प्रोवाइडर से सुविधा लेने वालों को यह टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
रेट और लगने वाले टैक्स रेट जीएसटी टैक्समैरिज गार्डेन 1,75,000 18 परसेंट 31,500
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कॉमर्स फैकेल्टी स्थित मोनिरबा में वन डे वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इसका टॉपिक सेंसिटाइजिंग गुड्स इन सर्विसेस टैक्स इन इंडिया था। इविवि के वाइस चांसलर प्रो। आरएल हांगलू ने वर्कशाप का उद्घाटन किया। उन्होंने जीएसटी को यह कहकर प्रोत्साहित किया कि आने वाले वर्षो में यह इकॉनमी को चेंज करने में इम्पॉर्टेट रोल प्ले करेगा। वहीं स्पेशल गेस्ट जीएसटी कमिश्नर पीएन तिवारी ने जीएसटी काउंसिल के वर्क को एप्रीसियेट किया। कार्यक्रम में डॉ। पवन जायसवाल एवं एसके जायसवाल ने भी अपनी बात रखी। इस अवसर पर डीन प्रो। प्रहलाद कुमार, एचओडी प्रो। एके मुखर्जी, प्रो। एके सिंघल, प्रो। मनमोहन कृष्ण, प्रो। प्रशांत घोष के अलावा दूसरे महाविद्यालयों के प्रतिनिधि एवं शोध छात्र मौजूद रहे।विद पैकेज
हलवाई 2,00,000 12 परसेंट 24,000कैटरर्स 1,00,000 18 परसेंट 18,000फोटो वीडियोग्राफी 50,000 18 परसेंट 9,000डेकोरेशन 60,000 18 परसेंट 10,800बैंड डीजे 60,000 18 परसेंट 10,800बग्घी 20,000 18 परसेंट 3600शादी कार्ड 30,000 12 परसेंट 3600ब्यूटी पार्लर 20,000 18 परसेंट 3600-------- 7,15,000 1,14,900 2017 में शादी के शुभ लग्न 11 नवंबर- शनिवार13 नवंबर सोमवार14 नवंबर मंगलवार15 नवंबर बुधवार
21 नवंबर मंगलवार23 नवंबर गुरुवार फैक्ट फाईल-जीएसटी लागू होने से पूर्व सर्विस प्रोवाइडर को देना पड़ता था 14 परसेंट सर्विस टैक्सजीएसटी के बाद सर्विस टैक्स हो गया खत्म, 18 परसेंट देना होगा टैक्सथ्री, टू व फाइव स्टार होटल आएंगे 28 परसेंट टैक्स के दायरे में 20 लाख से कम का टर्न ओवर वाले सर्विस प्रोवाइडर जीएसटी से बाहर हैं। लोग यदि जीएसटी में अन रजिस्टर्ड छोटे सर्विस प्रोवाइडर की सेवा लेंगे तो उन्हें राहत मिलेगी। जबकि रजिस्टर्ड सर्विस प्रोवाइडर की सेवा लेने पर जीएसटी देना पड़ेगा। क्योंकि उसे भी जीएसटी देना होगा।सुमित अग्रवाल, सीए शादी में सर्विस प्रोवाइडर भी जीएसटी के दायरे में हैं। जो अभी तक 14 परसेंट सर्विस टैक्स देते थे। अब होटल, लॉन व जीएसटी स्लैब में आने वाले दूसरे सर्विस प्रोवाइडर को जीएसटी देना होगा। इसका सीधा असर पब्लिक पर पड़ेगा।मनोज अग्रवाल, सीएइलाहाबाद में करीब 30 से अधिक गेस्ट हाउस और लान जीएसटी के दायरे में आते हैं। इनका जीएसटी में रजिस्ट्रेशन है। अब इनके मालिकों को 18 परसेंट जीएसटी देना है। बुकिंग पर 18 परसेंट जीएसटी कस्टमर को ही देना होगा। एडवांस लेकर बुकिंग भले ही किया जा रहा है, लेकिन फुल पेमेंट तो जीएसटी के साथ ही होगा।
खलिक अहमद, पदाधिकारी, इलाहाबाद, गेस्ट हाउस एसोसिएशन नवंबर में मेरे रिलेटिव की शादी की जिम्मेदारी मेरे ऊपर है। मैने अभी से ही गेस्ट हाउस सहित सारी बुकिंग कर ली है। लेकिन, जीएसटी से हर चीज का रेट बढ़ा हुआ है। जिस गेस्ट हाउस का रेट पिछले वर्ष एक लाख था, उसका रेट अब एक लाख 18 हजार रुपया हो गया है। हलवाई, कैटरर्स, टेंट, लाइट वालों ने भी रेट बढ़ा दिया है।मनोज श्रीवास्तव, महावीरन गली, 'जीएसटी के बाद जीडीपी का कम होना आश्चर्य की बात नहीं'