40 लाख रुपये पंजीकरण की सीमा होने से घट गए 15 हजार से अधिक व्यापारी

मेरठ. वस्तु एवं सेवा कर यानि जीएसटी में पंजीकरण की सीमा 20 लाख रुपये से बढ़कर 40 लाख रुपये क्या हुई जनपद में जीएसटी पंजीकृत व्यापारियों की संख्या तेजी से घटना शुरु हो गई है. विभाग को लिमिट बढ़ाने से टैक्स बढ़ने का अनुमान था लेकिन टैक्स कलेक्शन पर भी इस लिमिट का असर पड़ रहा है. विभाग का टैक्स कलेक्शन भी अब कम होने लगा है. कुल मिलाकर अब विभाग में व्यापारियों के पंजीकरण की संख्या वैट में पंजीकृत व्यापारियों की संख्या के लगभग बराबर ही पहुंच चुकी है.

फैक्ट-

- जीएसटी में गत वर्ष तक पंजीकृत व्यापारियों की संख्या करीब 51039

- 40 लाख लिमिट होने के बाद पंजीकृत व्यापारियों की सख्या करीब 35519 व्यापारी रह गए हैं.

- जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों की संख्या में आई कमी करीब 15520

- पंजीकरण कम होने के कारण टैक्स कलेक्शन भी हुआ कम

- वाणिज्य कर विभाग के आंकड़ों के अनुसार दिसंबर 2018 में 103.54 करोड़ की जीएसटी वसूली जनवरी 2019 में यह घटकर 92.74 करोड़ रुपये रह गई

- मार्च 2018 में जीएसटी के तहत टैक्स 77.57 करोड़ रुपये की हुई थी वसूली वहीं मार्च 2019 में 84.25 करोड़ रुपये वसूले गए

वर्जन-

पंजीकरण की लिमिट बढ़ने से कुछ व्यापारी कम हुए हैं वह तुलना वैट को मिलाकर की जा रही थी. लेकिन टैक्स कलेक्शन में इससे कोई कमी नही आई है. रेवन्यू लगातार बढ़ रहा है.

- जितेंद्र कुमार, अस्सिटेंट कमिश्नर

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