-नए सेशन में मिलेंगे गेस्ट फैकल्टी, कॉलेज को नहीं भेजी गई इन्फार्मेशन

-25 मई तक निपटानी होगी भर्ती प्रक्रिया

ALLAHABAD: सेंट्रल यूनिवर्सिटी इलाहाबाद की कार्यशैली पर हमेशा से ही सवाल उठते रहे हैं। आरोप लगता रहा है कि यूनिवर्सिटी और कॉलेजेस के बीच आपसी तालमेल का हमेशा अभाव रहा है, जिसके चलते कॉलेजेस से जुड़े शिक्षक, कर्मचारी व छात्र आन्दोलन करने को विवश रहे हैं। इस बीच यूनिवर्सिटी ने एक ऐसा डिसीजन लिया है जोकि है तो कॉलेजेस के हित में, लेकिन कॉलेज के प्रिंसिपल्स को इसकी भनक तक नहीं है।

वैकेंट सीटों पर होगी भर्ती

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रो। बीपी सिंह की ओर से थर्सडे को जारी किए गए सर्कुलर में कहा गया है कि संघटक कॉलेजेस में गेस्ट फैकल्टी का एप्वाइंटमेंट किया जाना है। कॉलेजेस में गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति नए सेशन ख्0क्भ्-क्म् के लिए की जानी है। रजिस्ट्रार की ओर जारी किए गए डायरेक्शन में कहा गया है कि सभी नियुक्तियां कॉलेजेस में सब्जेक्ट वाइज वैकेंट सीट्स के एकार्डिग की जानी है।

अलग अलग प्रॉसेस में लगेगा टाइम

उधर, रजिस्ट्रार की ओर से सर्कुलर जारी होने के बाद कई तरह के सवाल उठ खड़े हुए हैं। सर्कुलर में गेस्ट फैकल्टी के एंगेजमेंट प्रॉसेस को ख्भ् मई तक निपटाने को कहा गया है। इस बाबत कॉलेज के कुछ शिक्षकों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इतनी जल्दी समूची प्रक्रिया को निपट पाना मुश्किल है। क्योंकि पहले अलग अलग कॉलेजेस को प्रपोजल तैयार करके यूनिवर्सिटी को भेजना होगा। इसके बाद एडवरटीजमेंट का प्रकाशन, आवेदन, सेलेक्शन कमेटी के गठन, इंटरव्यू, रिजल्ट आदि का निपटारा करने में समय लगेगा। ऐसे में ख्भ् मई तक प्रॉसेस को निपटाना पाना मुश्किल है।

लोकसभा तक पहुंच चुकी है गूंज

मजेदार बात तो यह है कि एयू की ओर से भले ही कॉलेजेस में पढ़ाई की व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए नए सेशन की शुरुआत से पहले समय रहते डिसीजन लिया गया हो। लेकिन कॉलेज के प्रिंसिपल्स को इसकी जानकारी तक नहीं है। ऐसे में एक बार फिर यूनिवर्सिटी की कार्यशैली पर सवालिया निशान लग रहे हैं। जानकारों का कहना है कि एयू एडमिनिस्ट्रेशन ने आनन-फानन में ऊपर से दबाव पड़ने के बाद फैसला लिया है। एयू और कॉलेजेस में पटरी से उतर चुकी शिक्षा व्यवस्था का मामला कई बार लोकसभा और राज्यसभा में गूंज चुका है।

डीन सीडीसी को भेजें प्रपोजल

बहरहाल, अब यह तय है कि कॉलेजेस को नए सेशन में सही समय पर अतिथि प्रवक्ता मिल जाएंगे। लास्ट इयर अतिथि प्रवक्ताओं की नियुक्ति नवम्बर-दिसम्बर तक हो पाई थी। इसके लिए क्वालीफिकेशन यूजीसी रेग्यूलेशन ख्0क्0 के मुताबिक निर्धारित की गई है। सभी जगहों पर गेस्ट फैकल्टी नए सेशन में टीचिंग क्लोज होने की डेट तक रखी जाएगी। इसके लिए सभी महाविद्यालयों को प्रपोजल तैयार करके डीन कॉलेज डेवलपमेंट को भेजना होगा।

मुझे तो इसकी कोई जानकारी नहीं है। गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति होनी है तो इसकी प्रॉपर इन्फार्मेशन कॉलेजेस को भेजी जानी चाहिए थी। यह संवादहीनता का बड़ा एग्जाम्पल है।

डॉ। सुनील कांत मिश्र, अध्यक्ष इलाहाबाद यूनिवर्सिटी संघटक महाविद्यालय शिक्षक संघ

यूनिवर्सिटी ने खाली सीटों का ब्यौरा तो मांगा है। लेकिन गेस्ट फैकल्टी के बारे में कुछ नहीं बता सकते।

डॉ। रीता पुरवार, प्रिंसिपल आर्य कन्या डिग्री कॉलेज

मेरे पास इससे संबंधित कोई ऑफिस आर्डर अभी नहीं आया है। अगर ऐसा हो रहा है तो अच्छी बात है।

डॉ। एम मैसी, प्रिंसिपल यूइंग क्रिश्चियन कॉलेज

गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति का फैसला सराहनीय है। अच्छी बात है कि निर्णय समय रहते लिया गया है। लास्ट इयर तो काफी लेट हुआ था।

डॉ। शशि टंडन, प्रिंसिपल इलाहाबाद डिग्री कॉलेज

यह निर्णय काफी पहले का है। कॉलेजेस को भी बताया जाएगा। मिस कम्यूनिकेशन जैसा कोई मामला नहीं है। समय से पढ़ाई शुरु हो सके। यही हमारा पर्पज है।

प्रो। बीपी सिंह, रजिस्ट्रार इलाहाबाद यूनिवर्सिटी

Posted By: Inextlive