- यूपी पुलिस एक बार फिर फेल साबित, शाहजहांपुर और बरेली की खाक छानती रही लखनऊ पुलिस और एसटीएफ की टीमें

- राजस्थान-गुजरात बॉर्डर से मंगलवार दोपहर हुई अरेस्टिंग, पूछताछ में कबूला जुर्म

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रुष्टयहृह्रङ्ख/न्॥रूश्वष्ठन्क्चन्ष्ठ : हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी के कातिलों मोइनुद्दीन पठान और अशफाकुल हुसैन को आखिरकार 98 घंटे बाद गुजरात एटीएस ने राजस्थान-गुजरात बॉर्डर से अरेस्ट कर लिया है। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने अपना जुर्म कुबूल किया है। गुजरात एटीएस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोपियों को मीडिया के सामने पेश किया। उल्लेखनीय है कि यूपी पुलिस घटना के बाद से कातिलों को पकड़ने को लेकर बढ़-चढ़कर हवा-हवाई दावे कर रही थी। लेकिन, वह एक बार फिर फेल साबित हुई और गुजरात एटीएस ने बाजी मार ली।

रुपये हो गए थे खत्म

गुजरात एटीएस के डीआईजी हिमांशु शुक्ला और उनकी टीम ने राजस्थान-गुजरात बॉर्डर स्थित शामलाजी से कमलेश तिवारी के हत्यारोपी सूरत के ग्रीन व्यू अपार्टमेंट निवासी अशफाक हुसैन शेख और सूरत की ही लो कास्ट कॉलोनी निवासी मोइनुद्दीन पठान को अरेस्ट कर लिया। अशफाक मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव है जबकि, मोइनुद्दीन फूड डिलीवरी ब्वॉय का काम करता है। बताया गया कि दोनों आरोपियों के पास रुपये खत्म हो गए थे, दोनों ने रुपये के बंदोबस्त के लिये अपने परिजनों व परिचितों से संपर्क किया था। जिसके बाद वे रकम लेने गुजरात जा रहे थे। उनकी यही कोशिश उन पर भारी पड़ गई। गुजरात एटीएस सभी रिश्तेदारों व परिचितों के नंबर सर्विलांस पर लेकर निगरानी कर रही थी। आरोपियों की मूवमेंट की खबर लगते ही डीआईजी हिमांशु शुक्ला की टीम ने जाल बिछाया और आखिरकार, उन्हें दबोच लिया।

आरोपियों को लेने जाएगी लखनऊ पुलिस की टीम

डीआईजी हिमांशु शुक्ला के मुताबिक, दोनों मोइनुद्दीन और अशफाक ने पूछताछ के दौरान अपना जुर्म कुबूल करते हुए बताया है कि वे एक दिन पूर्व नेपाल से शाहजहांपुर पहुंचे थे और गुजरात में दाखिल होने की फिराक में थे। बताया गया कि दोनों आरोपियों को लखनऊ लाने के लिये गुजरात रवाना की जा रही है। दोनों को ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया जाएगा। डीजीपी ओपी सिंह का कहना है कि घटना के बाद से पुलिस लगातार दोनों हत्यारों पर दबाव बनाए थी, जिसके परिणाम में वे गुजरात में पकड़े गए। उल्लेखनीय है कि गुजरात एटीएस ने ही 19 अक्टूबर को कमलेश हत्याकांड के साजिशकर्ता राशिद पठान, मौलाना मोहसिन शेख व फैजान को पकड़ा था। बाद में उन्हें यूपी पुलिस के हवाले कर दिया था। दोनों हत्यारों से पूछताछ में अब कई अहम राज सामने आयेंगे।

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यूपी पुलिस रही नाकाम

उल्लेखनीय है कि राजधानी के खुर्शेदबाग में बीती 18 अक्टूबर को दिनदहाड़े कमलेश तिवारी की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। वारदात के बाद हत्यारे मोइनुद्दीन पठान और अशफाकुल हुसैन शाहजहांपुर, बरेली, पीलीभीत, पलिया में भागते फिर रहे थे। पुलिस उनकी लोकेशन के आधार पर उनका पीछा करती रही, लेकिन उन्हें पकड़ने में नाकाम रही।

Posted By: Inextlive