गुजरात दंगो को लेकर जांच कर रही एसआईटी ने शनिवार को एक बड़ा खुलासा किया। जांच टीम ने बताया कि उस वक्त कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल ने नरेंद्र मोदी सरकार को फंसाने की साजिश रची थी।

अहमदाबाद (एएनआई)। गुजरात दंगो को लेकर जांच कर रही एसआईटी ने शनिवार को एक बड़ा खुलासा किया। जांच टीम ने बताया कि उस वक्त कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल ने नरेंद्र मोदी सरकार को फंसाने की साजिश रची थी। अहमद पटेल ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़, राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आरबी श्रीकुमार और पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को 30 लाख रुपये दिए थे।

एक बड़ी साजिश रची
आपराधिक साजिश और जालसाजी के लिए आर बी श्रीकुमार के साथ सीतलवाड़ की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था।
एसआईटी के एसीपी बीसी सोलंकी के विशेष लोक अभियोजक मितेश अमीन और अमित पटेल ने शुक्रवार को सत्र अदालत में तीस्ता, श्रीकुमार द्वारा सत्र न्यायालय में दायर जमानत याचिका के खिलाफ एक हलफनामा दायर किया जिसमें कहा गया था कि आरोपी ने अवैध रूप से धन प्राप्त करने के इरादे से एक बड़ी साजिश रची।

दो बार दिए गए थे पैसे
विशेष रूप से, अहमदाबाद की एक मेट्रोपॉलिटन अदालत ने 2 जुलाई को सीतलवाड़ और श्रीकुमार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। गोधरा कांड के बाद भड़के दंगों के बाद एसआईटी ने तीस्ता सीतलवाड़, आरबी श्रीकुमार और संजीव भट्ट के खिलाफ तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और गुजरात समेत कई लोगों को बदनाम करने के मामले में विभिन्न आयोगों और याचिकाओं के मामले में गंभीर आरोप लगाए थे। एसआईटी के हलफनामे में कहा गया है कि आरोपियों की पटेल के साथ कई बैठकें हुईं जहां उन्हें पहली बार 5 लाख रुपये और दो दिनों के बाद 25 लाख रुपये मिले।

पीएम मोदी को मिल चुकी क्लीन चिट
पिछले महीने, सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और कई अन्य लोगों को विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा दी गई क्लीन चिट को चुनौती देने वाली कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की विधवा जकिया जाफरी द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था। एहसान जाफरी 28 फरवरी, 2002 को अहमदाबाद में गुलबर्ग सोसाइटी में हिंसा के दौरान मारे गए 69 लोगों में शामिल थे। उनकी विधवा जकिया जाफरी ने उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सहित 64 लोगों को एसआईटी की क्लीन चिट को चुनौती दी थी।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari