बीजेपी सरकार ने गवर्नर्स के बारे में अपनी तरफ से पहला फैसला गुजरात के बारे में लिया है. कमला बेनीवाल का ट्रांसफर मिजोरम जैसे छोटे स्टेट में कर दिया गया है. 87 साल की कमला बेनीवाल गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नंरेंद्र मोदी से लोकायुक्त समेत तमाम मसलों पर टकराती रही हैं. गुजरात की राज्यपाल डॉ. कमला के रिश्ते नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राज्य सरकार से कभी अच्छे नहीं रहे. खास तौर पर लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर राज्यपाल ने राज्य सरकार को कई बार कटघरे में खड़ा किया था.


मार्ग्रेट अल्वा को गुजरात की जिम्मेदारीगुजरात के गवर्नर पोस्ट की जिम्मेदारी फिलहाल नेबर स्टेट राजस्थान की राज्यपाल और पुरानी कांग्रेसी नेता मारग्रेट अल्वा को सौंपी गई है. मिजोरम के राज्यपाल वी पुरुषोत्तम को नागालैंड भेज दिया गया है. साथ ही यह भी फैसला किया गया है कि वी पुरुषोत्तम अभी त्रिपुरा के राज्यपाल की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाले रहेंगे.आधा दर्जन राज्यापाल पहले ही दे चुके हैं इस्तीफासेंटर के कड़े रुख को देखते हुए करीब आधा दर्जन राज्यपालों ने पहले ही अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है. लेकिन कई महामहिम अपनी तरफ से राजभवन छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं. ऐसे राज्यपालों से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने उन्हें छोटे राज्यों में भेजने की शुरुआत गुजरात की राज्यपाल कमला बेनीवाल से की है.लटका हुआ है पुराने कांग्रेसियों का फ्यूचर
केंद्र में नई सरकार के आने के बाद से ही संप्रग के कार्यकाल में बतौर राज्यपाल नियुक्त पुराने कांग्रेसी नेताओं के भविष्य को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं. कमला बेनीवाल का ट्रांसफर केरल में गवर्नर शीला दीक्षित के लिए खतरे की घंटी भी है.कांग्रेस ने बताया फैसले को डमोक्रेसी के लिए खतरनाक


इस फैसले पर कांग्रेस ने कहा कि यह ‘राजनीतिक तबादला’ है और बीजेपी द्वारा ‘लोकतंत्र को नुकसान करने की एक कार्रवाई है.’

Posted By: Shweta Mishra