- जमा असलहा लाइसेंस आवेदनों में रिपोर्ट लगाने की मची होड़

- थाना से पुलिस ऑफिस तक लगा रहे चक्कर

GORAKHPUR: जिले में असलहे का लाइसेंस लेने वाले पुलिस थानों से लेकर एसएसपी ऑफिस तक चक्कर काट रहे हैं। रोजाना चार से पांच लोग एसएसपी से मिलकर लाइसेंस के आवेदन पर रिपोर्ट लगाने की गुजारिश कर रहे हैं। पैरवी और जुगाड़ के बल पर जहां थानों से लेकर एसपी ऑफिस तक रिपोर्टिग हो रही। वहीं कप्तान पर भी पुलिस रिपोर्ट पूरी करने का दबाव बढ़ता जा रहा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लाइसेंस के लिए आवेदन रोजाना दौड़भाग करते हैं लेकिन जांच पड़ताल की प्रक्रिया पूरी होने पर ही कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी।

थानों से लेकर पुलिस ऑफिस दौड़ रहे लोग

शस्त्र लाइसेंस की प्रक्रिया से जुड़े लोगों का कहना है कि जिले में करीब पांच हजार लोगों का आवेदन पेंडिंग पड़ा हुआ है। जिले में शस्त्र लाइसेंस के लिए फॉर्म का वितरण 11 दिसंबर से शुरू हुआ था। पहली बार में करीब चार हजार आवेदन फॉर्म बिक गए थे। लोकसभा चुनाव सामान्य निर्वाचन की आचार संहिता लागू होने से असलहों के आवेदन सहित अन्य प्रक्रिया बाधित हो गई। आवेदकों की जांच पड़ताल छोड़कर पुलिस भी चुनाव को संपन्न कराने में जुट गई। मई लास्ट में जब आचार संहिता खत्म होते ही शस्त्र आवेदकों ने दौड़भाग शुरू कर दी। रोजाना थानों पर पहुंचकर लोग रिपोर्ट लगाने की बात करते हैं।

जुगाड़ और दबाव से तंग आए दीवान-दरोगा

शस्त्र लाइसेंस लेने वाले आवेदकों की जांच प्रक्रिया में थाना की रिपोर्ट काफी महत्वपूर्ण होती है। आवेदक के खिलाफ पूर्व में कोई मुकदमा दर्ज तो नहीं हुआ था। या फिर ऐसी कोई शिकायत सामने नहीं आई है जिससे शांति व्यवस्था को खतरा उत्पन्न हो सके। थानों पर मौजूद रजिस्टर नंबर आठ में क्षेत्र से संबंधित लोगों का पूरा ब्यौरा दर्ज होता है। अगर किसी के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज हुआ है, या अन्य किसी अपराध की सूचना प्राप्त हुई तो रजिस्टर में उसका ब्यौरा देखकर पुलिस रिपोर्ट लगा देती है। थानों की रिपोर्ट लगने के बाद फाइल डीसीआरबी को भेज दी जाती है। इसके बाद ही वहां से घूमती हुई सीओ, एसपी और एसएसपी तक पहुंचती है। पेंडिंग पड़े आवेदनों में रिपोर्ट लगाने को लेकर आवेदक थानों पर पहुंच रहे हैं। एसएचओ, एसओ और दीवान-मुंशी पर रिपोर्ट लगाने का दबाव पड़ रहा है। कोई विधायक तो कोई सांसद तो कोई किसी अन्य का जुगाड़ लेकर पहुंच रहा है।

किसी का हो तो बताएं, लाइसेंस पर मुहर लगाएं

लाइसेंस लेने वालों में ज्यादातर शौकिया असलहा लेना चाहते हैं। प्रॉपर्टी डीलिंग, पॉलीटिक्स और अन्य तरह के बिजनेस से जुड़े लोग भी आवेदन कर रहे हैं। चुनाव के पूर्व पुलिस और राजस्व का वेरीफिकेशन पूरा करा चुके सात आवेदकों का फॉर्म डीएम की टेबल तक पहुंच गया था। अन्य सभी लोगों का आवेदन एसएसपी ऑफिस से लेकर थानों तक फाइलों में फंसा है। डीएम ऑफिस तक आवेदन पहुंचा चुके लोग भी हाथ-पांव चला रहे हैं कि उनका आवेदन स्वीकृत हो जाए। ऐसे लोगों के पैरोकार कह रहे हैं कि अभी इंतजार कर लीजिए, किसी का होगा तो जरूर करवा दिया जाएगा। उधर आवेदक यह सोचकर परेशान हैं कि छह माह पूरे होने पर दोबारा परेशान होना पड़ेगा। हालांकि इलेक्शन के बाद आवेदकों की रफ्तार पहले की अपेक्षा कुछ सुस्त है।

वर्जन

करीब पांच हजार आवेदन फॉर्म जमा हो चुके हैं। चुनाव के बाद उतनी तेजी नहीं है जितनी पूर्व में नजर आई थी। आवश्यक प्रक्रिया पूरी कराने वाले आवेदक को लाइसेंस जारी हो सकेगा। फिलहाल अभी आवेदन की प्रक्रिया जारी है।

- अजीत प्रताप सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट

लाइसेंस के आवेदक रोजाना क्वेरी करते हैं। हर कोई चाह रहा है कि फौरन उनकी फाइल पूरी हो जाए लेकिन थानों की जांच रिपोर्ट और विधि सम्मत कार्रवाई पूर्ण किए बिना किसी आवेदन पर कोई विचार नहीं किया जाएगा। निर्धारित गाइड लाइन को फॉलो करने का निर्देश दिया गया है।

- डॉ। सुनील गुप्ता, एसएसपी

Posted By: Inextlive