सिखों के पहले गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती 12 नवम्बर को मनाई जाएगी। इस दिन उनके जीवन के बारे में जानें...


कानपुर। सिखों के पहले गुरु गुरु नानक देव जी का जन्म तलवंडी रायभोय वर्तमान में ननकाना साहिब पाकिस्तान में 1469 को हुआ था। इनके पिता व्यापारिक खत्री संप्रदाय से थे। समाज के सम्मानित वर्ग से ताल्लुक रखने वाले नानक देव कम उम्र से ही काफी धार्मिक स्वभाव के थे। इनकी शादी एक अन्य खत्री परिवार की युवती से हुई, जिनसे इन्हें 2 पुत्र हुए। मालूम हो इस वर्ष गुरु नानक की 550वीं जयंती पड़ रही है जिसे सिख समुदाय प्रकाश पर्व के रूप में 12 नवम्बर को मनाएगा। इस दिन सिख गुरु नानक देव की प्रार्थना करते हैं और फिर मिल कर जगह-जगह लंगर की व्यवस्था भी करते हैं।पंजाब के करतारपुर में हुआ था निधन


नानक जी ने जिंदगी के काफी साल अनाज से जुड़े अपने पारिवारिक कारोबार में हाथ बटाया। ब्रिटैनिका वेबसाइट के मुताबिक इसके बाद वो अपने निजी जीवन के सुख त्याग कर 'एक ईश्वरवाद' की अलख जगाने के लिए अंनत यात्रा पर निकल पड़े। उन्हें सद्गुण, समानता, सर्वधर्म समभाव, अच्छाई और प्रेम के आधार पर एक विशेष सामाजिक, राजनीतिक और आध्यात्मिक मंच स्थापित करने के लिए मान्यता प्राप्त हुई। नानक देव जी ने अपनी जिंदगी का आखिरी वक्त करतारपुर (वर्तमान में पाकिस्तान) में बिताया और साल 1539 में यहीं उन्होंने आखिरी सांस ली। मालूम हो हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक के करतारपुर कॉरिडोर में अत्याधुनिक यात्री टर्मिनल भवन (पीटीबी) परिसर का उद्घाटन किया। पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब में बिना वीजा एंट्री से सिख समुदाय खुश है।करतारपुर के दरबार साहिब में प्रकाश पर्वदरअसल अब तीन किमी के काॅरिडोर के माध्यम से सिख श्रद्धालु बिना वीजा के गुरुद्वारा दरबार साहिब तक आसानी से जा सकेंगे। दरबार साहिब जाने के लिए श्रद्धालुओं को सिर्फ पाकिस्तान के परमिट की आवश्यकता होगी। इस दिन पंजाब के गोल्डन टैंपल में भी हर साल भव्य आयोजन होता है। वो दिपों से जगमगा उठता है। इस दिन वहां सिख श्रद्धालुओं का तांता लगता है। वहीं एएनआई की मानें तो मैडागास्कर में स्थित भारतीय दूतावास में इस बार गुरु नानक जयंती का आयोजन होगा। भारतीय मूल के सिख अपनी पूरी आस्था के साथ दूतावास में इसे मनाएंगे और प्रार्थना करेगें। अपने सबसे पहले गुरु नानक साहिब की प्रार्थना करने के बाद वहां लंगर की भी व्यवस्था कराई गई है। गुरु नानक साहिब के अनमोल वचनों को लोग आज भी याद करते हैं।-एजेंसी इनपुट सहित

Guru Nanak Jayanti 2019: सिखों के पहले गुरु नानक जी के 10 अनमोल वचन

Posted By: Vandana Sharma