कोरोना वायरस की वजह से मथुरा में सैकड़ों वर्ष पुरानी परंपरा प्रभावित हो रही है। इस इस वर्ष गोवर्धन में लगने वाले गुरु पूर्णिमा मेले का आयोजन रद हो गया है।


मथुरा (उप्र) (आईएएनएस) । कोरोना वायरस संकट की वजह से धार्मिक आयोजनों पर भी रोक लगी है। 400 से अधिक वर्षों में पहली बार, मथुरा के प्रसिद्ध गुरु पूर्णिमा मेला कोरोना वायरस महामारी के कारण रद कर दिया गया है। इसे मुड़िया मेला के नाम से भी जाना जाता है। वहीं श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर के अलावा जिले के सभी मंदिर 8 जुलाई तक जनता के लिए बंद रहेंगे। 5 जुलाई को से शुरू होने वाले पांच दिवसीय मेले को रद करने का निर्णय जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों, संतों और मंदिर प्रबंधन सहित हितधारकों के साथ बैठक के बाद जिला अधिकारियों द्वारा लिया गया था।पांच संतों द्वारा प्रतीकात्मक जुलूस निकालने का सुझाव


इस संबंध में जिला मजिस्ट्रेट सर्वज्ञ राम मिश्रा ने कहा कि इस तरह के बड़े समारोहों में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना मुश्किल है, जबकि हकीकत यह है कि इस कोरोना वायरस को फैलने से रोकने लिए सोशल डिस्टेंसिंग बहुत जरूरी है। हालांकि कुछ संतों ने सुझाव दिया कि वे सदियों पुरानी परंपरा को जारी रखने के लिए पांच संत प्रतीकात्मक जुलूस निकालेंगे। जिला प्रशासन ने कहा है कि इनके सुझाव पर विचार किया जाएगा। मुड़िया मेला को 'मिनी-कुंभ' के नाम से भी पुकारा जाता है

मुड़िया मेला को 'मिनी-कुंभ' माना जाता है और इस आयोजन के लिए देश के सभी हिस्सों से हजारों कृष्ण भक्त आते हैं। यहां भक्त अपने आध्यात्मिक देव को मनाने के लिए गुरु पूर्णिमा पर कृष्ण मंदिरों में उमड़ते हैं। भक्त इस दिन गोवर्धन पहाड़ की परिक्रमा (गोल) करते हैं। इसके अलावा पवित्र मानसी गंगा कुंड में डुबकी भी लगाते हैं।

Posted By: Shweta Mishra