वाराणसी कोर्ट ने मंगलवार तक के लिए अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा ट्रांसफर की गई ज्ञानवापी-शृंगार गौरी मंदिर मामले की याचिका पर सबसे पहले सुनवाई होनी है।


वाराणसी (पीटीआई)। वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी मामले में आदेश सुरक्षित रख लिया है। हालांकि डिस्ट्रिक्ट जज एके विश्वेश की अदालत ने हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं है। साथ ही एक निचली अदालत द्वारा आदेशित वीडियोग्राफी सर्वे के दौरान मस्जिद परिसर में पाए जाने का दावा करने वाले "शिवलिंग" की पूजा करने की अनुमति मांगने वाली एक नई याचिका भी दायर की गई थी। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मंदिर मामले को सिविल जज से डिस्ट्रिक्ट जज को ट्रांसफर कर दिया था। मंगलवार को अपना फैसला सुनाएगी अदालत


अदालत ने मामले को यह कहते हुए ट्रांसफर किया था कि इस मुद्दे की कॉम्प्लेक्सिटी और सेंसिटिविटी को देखते हुए यह बेहतर होगा कि एक वरिष्ठ न्यायिकअधिकारी जिसे 25-30 वर्षों से अधिक का अनुभव हो उसे इस मामले को संभालना चाहिए। हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने कहा कि दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, अदालत मंगलवार को अपना फैसला सुनाएगी कि किस याचिका पर पहले सुनवाई होनी है।मस्जिद परिसर में मिले शिवलिंग के पूजन के लिए याचिका की थी दायर

अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के वकील मोहम्मद तौहीद खान ने तर्क दिया कि रिट टिकाऊ नहीं है, इसलिए इसे खारिज किया जाना चाहिए। साथ ही काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ कुलपति तिवारी ने सोमवार को एक नई याचिका दायर कर शिवलिंग के नियमित "पूजन" के लिए याचिका दायर की थी। जो उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में जो शिवलिंग पाया था उसके पूजन के लिए याचिका दायर की थी।

Posted By: Kanpur Desk