- आई नेक्स्ट में खबर छपने के बाद हरकत में आई पुलिस

- ट्रैफिक विभाग और पुलिसकर्मियों को पकड़ने के दिए निर्देश

Meerut: शहर की सड़कों पर लाल बत्ती लगी पुलिस की सफेद जिप्सी धड़ल्ले से घूम रही है। चौकसी का दम भरने वाली जिले की पुलिस को इसकी कानों-कान खबर नहीं लग पाई। वह भी तब जब रमजान माह के चलते शहर के कई इलाकों में विशेष रूप से पुलिस बल तैनात है। आई नेक्स्ट ने बुधवार के संस्करण में जब इस खबर को प्रकाशित किया तब पुलिस नींद से जागी और उस जिप्सी की खोजबीन में जुट गई। पुलिस को इसका पता लगाने के लिए मैसेज फ्लैश कराया गया, लेकिन बावजूद इसके भी वह पुलिस के हाथ नहीं लगी। दिन में पुलिस किस कदर चौकन्नी है, यह इसकी साफ तस्वीर है।

पॉश इलाके में घूमती है जिप्सी

सफेद रंग की इस जिप्सी पर बड़े अक्षरों में पुलिस लिखा हुआ है। ऊपर लाल बत्ती और हूटर लगा हुआ है। शहर का सबसे सुरक्षित क्षेत्र पुलिस लाइन, साकेत, कचहरी, एसएसपी ऑफिस रोड व इसके आसपास यह जिप्सी मंगलवार को देखी गई थी। बुधवार को पुलिस विभाग में इसे लेकर खलबली मच गई।

एसएसपी ने मैसेज फ्लैश कराया

एसएसपी जे। रविंद्र गौड़ ने आई नेक्स्ट से इस फर्जी वाहन की फोटो मांगी और उसे व्हाट्स एप पर ट्रैफिक पुलिस के टीएसआई व अपने मातहतों को भेजकर पता लगाने को कहा। उन्होंने खुद फोन कर पुलिस को निर्देश दिए और पुलिस लाइन में भी पता लगवाया। पता चला कि लाइन में ऐसी कोई गाड़ी नहीं है। इसके बाद एसएसपी के निर्देश पर जिप्सी को पकड़ने के लिए शहरभर में मैसेज फ्लैश कर दिया गया। दोपहर में पुलिस को सूचना भी मिली कि छिपी टैंक के आसपास बुधवार को भी यह जिप्सी देखी गई, जिसमें बैठा चालक पुलिस के नाम पर वसूली कर रहा है। पुलिस ने पड़ताल की लेकिन जिप्सी नहीं मिली।

पुलिस ने की फर्जी की पुष्टि

यह जिप्सी पूरी तरह से फर्जी है इसकी पुलिस ने पुष्टि कर दी है। एसएसपी के निर्देश पर पुलिस व ट्रैफिक विभाग ने इसका रजिस्ट्रेशन नम्बर पता लगाने की कोशिश की, लेकिन नम्बर प्लेट पर लिखा नम्बर ट्रेस नहीं हो सका। एसएसपी ने हर हाल में इस जिप्सी को पकड़ने के निर्देश दिए हैं। पुलिस अब शहर भर में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगालने में जुट गई है।

कहीं किसी अप्रिय घटना को अंजाम देने का तो नहीं है मकसद

जिप्सी पर बड़े अक्षर में पुलिस लिखवाना और उस पर लाल बत्ती लगाना। कहीं यह अराजक तत्वों का काम तो नहीं है। कहीं वे किसी तरह की आतंकी वारदात को अंजाम देकर शहर की आबो-हवा में तो जहर नहीं घोलना चाहते। यह तो अब जांच का विषय है, लेकिन ऐसा है तो यह शहर की चुस्त दुरुस्त चौकस पुलिस के मुंह पर जोरदार तमाचा होगा।

पुलिस को दें जानकारी

शहरवासियों से यह अपील है कि उन्हें कहीं पर भी ऐसे फर्जी वाहन की सूचना मिले तो वे पुलिस कंट्रोल रूम नम्बर 100 पर सूचना दें। शहर में किसी भी प्रकार की संदिग्ध वस्तु मिलने या फिर गतिविधि की जानकारी होने पर पुलिस को जरूर सूचित करें।

फर्जी नंबरों का बड़ा खेल

चोरी के वाहनों को शहर में धड़ल्ले से दौड़ाने के खेल में फर्जी नंबरों का बड़ा हाथ होता है। पुलिस के अनुसार चेकिंग के दौरान जितने भी चोरी के वाहन पकड़े जाते हैं उनमें अधिकांश फर्जी नम्बर प्लेट लगाए गए होते हैं। यहां तक कि घटनाओं में भी चोरी के वाहनों का फर्जी नम्बर प्लेट के साथ इस्तेमाल होता है। एक वर्ष में करीब 2858 वाहन चोरी हो चुके हैं।

यह वाहन फर्जी लग रहा है। पुलिस के पास ऐसी जिप्सी नहीं है। पुलिस के वाहन पर लाल बत्ती भी नहीं लगती। नंबर भी ट्रेस नहीं हो पाया है। इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। इसे पकड़ने के निर्देश दे दिए गए हैं।

- जे रविंद्र गौड़, एसएसपी

Posted By: Inextlive