- असुरक्षित है मेरठ का जिला कारागार, डीएम-एसएसपी ने किया दौरा

- जेल में नहीं है सुरक्षा के लिए पर्याप्त स्टाफ

Meerut: वाराणसी जिला जेल की तरह मेरठ जेल भी सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील है। समय-समय पर यहां पर कैदियों द्वारा कई घटनाएं की जा चुकी हैं। जिस वजह से जिला जेल हमेशा से ही चर्चा का विषय बना रहा है। एक अनुमान के अनुसार जेल में कैदियों की संख्या निर्धारित से दोगुनी है, जबकि जेल की सुरक्षा में तैनात स्टाफ 50 फीसदी भी नहीं है। जिला जेल में कुख्यात कैदी बंद हैं। बावजूद इसके जेल प्रशासन को स्टाफ की कमी के चलते मजबूरी में होमगार्ड के सहारे सुरक्षा कराई जा रही है।

स्टाफ आधा भी नहीं

एक तरफ जहां जेल में कैदियों की संख्या क्षमता के अनुसार दोगुनी है तो वहीं पर उनकी सुरक्षा में तैनात स्टाफ की संख्या 50 फीसदी भी नहीं है। चौधरी चरण सिंह जेल की यह सच्चाई आंख खोलने वाली है। मानकों की बात करें तो कैदियों की सुरक्षा के लिए जेल में 127 बंदीरक्षकों की जरूरत है, जिनके स्थान पर महज 74 बंदीरक्षकों से ही काम चलाया जा रहा है। इनके अलावा 81 होमगा‌र्ड्स की जरूरत है। लेकिन मात्र 25 से 30 होमगार्ड ही ड्यूटी पर आते हैं। इस व्यवस्था से यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिला जेल किस तरह गंभीर दुर्घटना के मुहाने पर रहता है और शासन के आला अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं देते।

दो दर्जन से ज्यादा कैदियों की आमद

जिला जेल में हर दिन दो दर्जन से ज्यादा कैदी लाए जाते हैं। जेल प्रशासन के अनुसार प्रतिदिन जेल में 25 से 30 कैदी नए आते हैं। एक तो स्टाफ पहले से कम ऐसे में वर्तमान में मौजूद बंदीरक्षकों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। वहीं जेल की क्षमता व संसाधनों में वृद्धि न करने पर स्थिति और विकट होती जा रही है।

बंद हैं कई कुख्यात कैदी

जिला जेल में कई कुख्यात कैदी बंद है। वर्तमान में तो आईएसआई एजेंट इजाज भी यहीं पर निरूद्ध है। इसके अलावा, हाजी इजलाल, योगेश भदौड़ा, नीरज राठी, सुनील सरीखे कुख्यात कैदी भी बंद हैं। कुख्यात बदमाशों पर निगरानी रखने के लिए जेल में 12 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने थे, जिसमें हाई सिक्योरिटी बैरक में भी कैमरे लगाए जाने की योजना थी। जेल अधीक्षक के ऑफिस में इसका कंट्रोल रूम बनाया जाना था। लेकिन योजना को बने हुए दो वर्ष से ज्यादा का समय बीत चुका है अभी तक इसे अमली जामा नहीं पहनाया गया है।

स्टाफ की कमी हो या फिर सिक्योरिटी को लेकर संसाधनों की। समय-समय पर शासन को इससे अवगत कराया जाता है। संसाधन पूरे किए जा रहे हैं। जल्द ही सभी योजना को पूर्ण होने की पूरी संभावना है। बदमाश बंदी घटनाओं को अंजाम देते हैं, पर्याप्त फोर्स के अलावा सावधानी बरतकर जेल में हो रही घटनाओं को रोका जा सकता है।

-एसएचएम रिजवी, वरिष्ठ जेल अधीक्षक

Posted By: Inextlive