- फर्जी नगर आयुक्त ने 30 से अधिक पार्षदों को फोन कर मांगे पैसे

- ट्रू कॉलर पर मुख्य सचिव आलोक रंजन के नाम से शो कर रहा है नंबर

- 8479894964 के नंबर से सभी पार्षदों को आया फोन

GORAKHPUR:

'मैं नगर आयुक्त बीएन सिंह बोल रहा हूं, मेरे भतीजे की शादी है। आप पार्षद हैं, मेरे अकाउंट में पैसा डाल दीजिए। मैं म्यूनिसिपल कमिश्नर बोल रहा हूं, मेरे भतीजे का कुछ काम है, इसलिए मेरे अकाउंट में पैसा डाल दीजिए। मैं तीन बजे नगर निगम ऑफिस रहूंगा वहीं अकाउंट नंबर दे दूंगा.' इस तरह की कॉल्स ने बुधवार को शहर के तमाम पार्षदों को चौंका दिया। एक व्यक्ति ने फर्जी नगर आयुक्त बनकर 30 से अधिक पार्षदों को फोन करके ढाई से तीन लाख रुपए प्रति पाषकी मांग की।

दबंग पार्षदों से मांगा डेटा

पार्षदों को फोन करने वाले व्यक्ति के बात करने के अंदाज से लोगों को लग रहा था कि वह बिहार का है, लेकिन नगर निगम की कार्यशैली, पार्षदों की स्थिति और अधिकारियों के पावर के बारे में जानता है। जिस भी पार्षद को वह फोन करता था, उसी के हिसाब से बात की।

- वार्ड नं 5 बशारतपुर की पार्षद महिला से पैसे मांगे।

- वार्ड नं 68 के पार्षद जियाउल इस्लाम से वार्ड के विकास की हालत को जायजा लिया।

-वार्ड नं 48 गिरधरगंज बाजार के पार्षद रणंजय सिंह जूगूनू और वार्ड नं 18 के पार्षद प्रतिनिधि हीरालाल यादव को फोन करके पैसे मांगे।

-वार्ड नं 33 बेतियाहाता के पार्षद के मोबाइल पर भी पैसा मांगने का फोन आ गया।

केवल सीयूजी नंबर पर आया फोन

फर्जी नगर आयुक्त बनकर फोन करने वाला नगर निगम को पूरी तरह से जानता था। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि पार्षदों के सीयूजी नंबर पर फोन आया। सबसे पहले वार्ड नंबर एक पर फोन आना शुरू हुआ और 20 नंबर तक आया। उसके बाद अन्य पार्षदों पर फोन आने का सिलसिला शुरू हुआ। अंतिम फोन वार्ड नं 33 बेतिायाहाता के पार्षद पर आया। जब इस नंबर को लेकर नगर निगम और नगर निगम से जुड़े लोगों के बीच शुरू हो गई तब जाकर फोन आना बंद हुआ।

वर्जन

इस फर्जी टेलीफोन को लेकर सभी पार्षदों को सतर्क कर दिया गया है। उच्चाधिकारियों और पुलिस को भी जानकारी दे दी गई है। फर्जी फोन करने वाले की जांच की जाएगी और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

-बीएन सिंह, नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive