- विकलांग कल्याण विभाग ने 10 वर्षो बाद शुरू की शादी अनुदान योजना

- नई गाइडलाइंस में नवदंपत्ति को आपसी सद्भाव के बाबत जमा करना होगा शपथ पत्र

BAREILLY:

पति पत्‍‌नी के रिश्ते में खटास की सरकार को भनक लगी तो फिर विकलांग विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के तहत नवदंपत्ति को कोई अनुदान प्राप्त नहीं होगा। अनुदान पाने की पहली शर्त आपसी सद्भाव बनाए रखना है। साथ ही, दंपत्ति को शादी के कार्ड की जगह अब ज्वॉइंट अकाउंट पेश करना होगा। बता दें कि करीब 10 वर्षो बाद एक बार फिर से विकलांग नवदंपत्तियों के लिए शादी अनुदान योजना की शुरुआत की गई है। जिसके तहत नई गाइडलाइंस भी जारी की गई हैं। जिसमें तमाम ऐसी नियम बनाए गए हैं जिससे एक-दूसरे को करीब लाने के प्रयास शासन की ओर से किए गए हैं।

शर्ते पूरी होना जरूरी

विकलांग कल्याण जन विकास अधिकारियों के मुताबिक शर्तो के पूरा करने वाले दंपत्तियों को ही अनुदान जारी किया जाएगा। आवेदन करने वाले दंपत्तियों की ओर से नियम व शर्तो को पूरा करने के बाबत 10 रुपए का शपथ पत्र देना होगा। जिसका सत्यापन विभागीय अधिकारियों की टीम करेगी। सत्यापन के दौरान शपथ पत्र में दर्ज पात्रता शर्ते पूरी न पाए जाने की स्थिति में आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा। इसके लिए टीम दोनों परिवारों के निवास स्थानों के इलाके के लोगों से पूछताछ करेगी। किसी की ओर से यदि आपत्ति दर्ज कराई जाएगी, तो संबंधित व्यक्ति से लिखित शपथ पत्र और संबंधों में दरार की वजहें बतानी होंगी, जिसकी जांच सक्षम अधिकारी करेंगे।

10 वर्षो से बंद थी योजना

विकलांग कल्याण विभाग की ओर से दिया जाने वाला शादी अनुदान पर पिछले 10 वर्षों से शासन ने रोक लगा रखी थी। 2005 से 2014 तक दंपत्तियों की ओर से आवेदन तो आए लेकिन अनुदान जारी नहीं किया गया। अधिकारियों के मुताबिक शासन की ओर से बजट जारी नहीं किया गया। जिसकी वजह से विभाग के पास 10 वर्षों में करीब 2 सौ से ज्यादा आवेदन विभाग पहुंचे थे, लेकिन उन्हें अनुदान का लाभ नहीं मिल सकेगा। नए शासनादेश के अनुसार 10 अगस्त 15 के दिन से योजना प्रभावित हो गई है। 10 अगस्त के बाद शादी के पवित्र बंधन में बंधे दंपत्तियों को ही शादी अनुदान का लाभ दिया जाएगा।

बढ़ा दी गई है अनुदान राशि

नए शासनादेश के अनुसार अब विकलांग विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के अंतर्गत पति अथवा पत्‍‌नी के विकलांग होने पर 15 हजार और दोनों के विकलांग होने की स्थिति में 20 हजार रुपए का प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। बता दें कि पूर्व में विकलांग जन के साथ विवाह होने पर 10 हजार और दोनों के विकलांग होने पर 15 हजार की अनुदान दिया जाता था।

यह हैं शर्ते

- दंपत्ति उत्तर प्रदेश के निवासी और वर बरेली का निवासी होना जरूरी।

- दंपत्ति में से कोई भी अपराधिक रिकॉर्ड न हो।

- शादी के बाद दोनों में किसी भी प्रकार का मनमुटाव न हो।

- सत्यापन के बाद करीब वर्ष भर तक कोई विवाद की आपत्ति दर्ज न हो।

- वर की आयु 21 से 45 और वधू की आयु 18 से 45 के बीच होना अनिवार्य।

- दंपत्ति का विवाह रीति रिवाज के अनुसार अथवा सक्षम न्यायालय द्वारा कराया गया हो।

- आयकर दाता की श्रेणी में कोई भी पक्ष नहीं होना चाहिए।

- पूर्व में जीवित पत्‍‌नी या पति नहीं होने चाहिए।

- महिला उत्पीड़न का मामला दर्ज नहीं होना चाहिए।

- दंपत्ति में से किसी एक की विकलांगता विवाह पूर्व होनी चाहिए।

- अनुदान केवल एक ही बार दिया जाएगा जो कि ज्वॉइंट एकाउंट में जाएगा।

- बैंक में सीबीएस खाता खोलकर खाता संख्या विभाग को उपलब्ध करानी होगी।

- 10 रुपए के स्टाम्प पेपर पर आपसी संबंध और पति पत्‍‌नी बनने के लिए सत्यनिष्ठा लिखित में देय होगा।

- संबंधित स्टाम्प पेपर पर ही विवाद की स्थिति में अनुदान की समस्त धनराशि शासन को वापस करनी होगी।

पिछले करीब 10 वर्षो से विकलांग शादी अनुदान योजना बंद थी। अब नए शासनादेश के तहत दंपत्ति को आपसी सहभागिता का प्रमाण पत्र और ज्वॉइंट अकाउंट समेत संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करना अनिवार्य है।

प्रदीप शुक्ला, विकलांग कल्याण जनविकास अधिकारी

Posted By: Inextlive