- धागा खत्म होने की वजह से 90 प्रतिशत पावर लूम बंद

- कारखाने में डंप 23 लाख मीटर तैयार कपड़ा, पांच हजार बुनकर-मजदूरों के सामने खड़ा रोजी-रोटी का संकट

- बुनकरों के बनाए कपड़ों से तैयार होती है फौज और पुलिस की वर्दी

GORAKHPUR: जिले में बुनकरों की कमर तो बिजली सब्सिडी खत्म होने के बाद से पहले ही टूटी हुई थी। अब लॉकडाउन होने की वजह से हजारों बुनकरों पर दोहरी मार पड़ी है। लॉकडाउन में एक के बाद एक पावर लूम बंद हो रहे हैं और बुनकर फाकाकशी को मजबूर हैं। गोरखनाथ, रसूलपुर, नौरंगाबाद, दशहरी बाग, जाहिदाबाद, जामियों नगर, जमुनहिया बाग, पिपरापुर, मोहनलालपुर, चक्सा हुसैन मोहल्लों में सैकड़ों घरों में लगभग पांच हजार पावर लूम दिन-रात चलते हैं, जो लघु उद्योग के रूप में काम करते हैं। लॉकडाउन होने के बाद भी सोशल डिस्टेंस बनाए रखते हुए एक व्यक्ति दो लूम चला रहा था। लेकिन अब पावर लूम में सबसे ज्यादा महत्व रखने वाला धागा खत्म हो गया है। इस बीच महाराष्ट्र, गुजरात, हैदराबाद, नेपाल, सिलवासा के साथ ही खलीलाबाद से धागा जिले में नहीं आ पा रहा है जिससे नब्बे प्रतिशत पावर लूम पूरी तरह बंद हो चुके हैं।

माल तैयार पर नहीं हो रही डिलीवरी

नॉर्मल डेज में पावर लूम पर तैयार होने वाले कपड़े की डेली डिलीवरी हो जाती है। इसके बाद नया माल तैयार किया जाता है। लॉकडाउन की वजह से बुनकरों के यहां पहले से तैयार माल डिलीवर नहीं हो पा रहा है और धागा खत्म होने की वजह से नया माल भी तैयार नहीं हो पा रहा। बंद हुए 90 प्रतिशत कारखानों में तकरीबन 23 लाख मीटर कपड़ा (25 हजार थान) तैयार पड़ा है जिसकी डिलीवरी नहीं हो पा रही है। इस वजह से पेमेंट भी नहीं मिल पा रहा है। जिससे यहां काम करने वाले मजदूरों के सामने भी रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।

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कपड़ों से बनती फौज और पुलिस की वर्दी

बुनकर उबैदुर्रहमान बताते हैं कि हम लोगों द्वारा स्कूल ड्रेस के कपड़े तैयार किए जाते हैं। साथ ही यहीं के कपड़ों से फौज और पुलिस की वर्दी भी तैयार होती है। इसके अलावा फैंसी पैंट-शर्ट के कपड़ों की दूर-दूर तक डिमांड है। इसके लिए महाराष्ट्र, राजस्थान और कोलकाता जैसे बड़े शहरों से ऑर्डर आते हैं। इस समय पूरे देश में लॉकडाउन की स्थिति है जिसके कारण बुनकर उद्योग भी टूटने के कगार आ गया है।

यहां चलती है पावर लूम

गोरखनाथ, रसूलपुर, नौरंगाबाद, दशहरी बाग, जाहिदाबाद, जामिया नगर, जमुनहिया बाग, पिपरापुर, मोहनलालपुर, चक्सा हुसैन आदि।

ये है बुनकरों की डिमांड

- बिजली योजना फिर से बहाल की जाए।

- मजदूरों की आर्थिक रूप से मदद की जाए।

- ट्रांसपोर्टेशन शुरू किया जाए जिससे माल आ-जा सके।

- जैसे और गरीबों के खाते में सरकार पैसे भेज रही है, उसी तरह बुनकरों की भी मदद की जाए।

- सस्ते ब्याज दर पर बुनकरों को लोन अवेलबल कराए जाएं।

कोट्स

गोरखपुर के पावर लूम बंद हो रहे हैं। धागा नहीं मिल पा रहा है। पुराना तैयार माल महाजन तक पहुंचा नहीं पा रहे हैं। इस कारण पैसों की तंगी बुनकरों के सामने खड़ी हो गई है। काम चलता है तो पेमेंट मिलता रहता है जिससे परिवार का खर्चा भी पूरा होता रहता है।

मौलाना उबैदुर्रहमान नदवी, बुनकर

लॉकडाउन में तैयार किया माल कारखाने में डंप है। धागा खत्म होने पर पावर लूम पर एक तरह से ताला लग गया है। अपने कारखाने के मजूदरों को जब तक हो पा रहा है मजदूरी दे रहा हूं। इसके बाद इसके लिए भी सोचना पड़ेगा।

वसी अहमद, महाजन

Posted By: Inextlive