भारत और इंग्लैंड के बीच पांचवां टेस्ट ओवल मैदान पर खेला जा रहा। टीम इंडिया में नए खिलाड़ी हनुमा विहारी को मौका दिया गया है। विहारी भारत की तरफ से टेस्ट खेलने वाले 292वें क्रिकेटर बने।


कानपुर। भारत बनाम इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का आखिरी मैच ओवल मैदान पर खेला जा रहा। भारत यह सीरीज पहले ही हार चुका है। 1-3 से पिछड़ने के बाद पांचवें टेस्ट में टीम इंडिया दो बदलावों के साथ उतरी है। आर अश्विन की जगह रवींद्र जडेजा को मौका दिया गया। वहीं ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या को रिप्लेस किया डेब्यूटेंट हनुमा विहारी ने। 24 साल के हनुमा विहारी प्रथम श्रेणी मैचों में न सिर्फ बल्लेबाजी बल्कि गेंदबाजी में भी काफी कमाल कर चुके हैं। ओवल टेस्ट में पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेलते ही विहारी भारत की तरफ से टेस्ट खेलने वाले 292वें क्रिकेटर बन गए हैं।मौजूदा दौर में सर्वाधिक फर्स्ट क्लॉस औसत


दाएं हाथ के बल्लेबाज हनुमा विहारी मॉर्डन जमाने में फर्स्ट क्लॉस क्रिकेट के डॉन ब्रैडमैन कहे जाते हैं। मौजूदा दौर में दुनिया में सबसे ज्यादा फर्स्ट क्लॉस औसत हनुमा विहारी की है। विहारी 59.27 की औसत के साथ इस लिस्ट में सबसे ऊपर हैं। उनके बाद ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी स्टीव स्मिथ का नाम आता है जिनकी फर्स्ट क्लॉस क्रिकेट में औसत 57.72 है। वहीं भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली 54.45 की औसत के साथ काफी नीचे हैं। इंग्लैंड के खिलाफ जब भारत सम्मान की लड़ाई के लिए आखिरी टेस्ट में उतरा है ऐसे में कोहली ने हनुमा विहारी को मौका देकर मेजबान टीम के लिए बड़ी मुसबीत खड़ी कर दी है। हनुमा विहारी ने पिछले 8 सालों में कुल 63 फर्स्ट क्लॉस मैच खेले हैं जिसमें उनके नाम कुल 5142 रन दर्ज हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 15 शतक और 24 अर्धशतक निकले हैं। यही नहीं उनका हाईएस्ट स्कोर नाबाद 302 रन है। काफी संघर्ष करके पहुंचे यहां24 साल के हनुमान विहारी ने काफी संघर्ष कर टीम इंडिया में जगह पाई है। हैदराबाद के सेंट जॉन एकेडमी में जब विहारी ने क्रिकेट सीखने के लिए एडमीशन लिया तो छह महीने बाद ही उनकी पिता की मृत्यु हो गई थी। यह वो स्कूल है जहां भारत के पूर्व क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण सीख कर गए थे। ऐसे में विहारी की मां विजया ने अपने बेटे के सपने को पूरा करने में जी-जान लगा दी। इसके बाद विहारी ने सेंड एंड्र्यू में एडमीशन लिया जहां जॉन मनोज ने विहारी को क्रिकेट की एबीसीडी सिखाई। कोच मनोज ने मिडडे से बातचीत में बताया कि, 'विहारी को वी शॉट खेलना ज्यादा अच्छा लगता है। कवर ड्राइव और कट शॉट में तो वह माहिर है।'

दो साल पहले बदल दी थी टीमसाल 2012 में अंडर 19 वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्य रहे हनुमा विहारी के जीवन में सबसे अहम मोड़ आया दो साल पहले। 2016 में विहारी ने अपने कोच के कहने पर हैदराबाद टीम को छोड़कर आंध्र प्रदेश का हाथ थामा। बस यहीं से उनके करियर का ग्रॉफ चढता चला गया। पिछले सीजन में विहारी ने आंध्र की तरफ से खेलते हुए रणजी ट्रॉफी के 6 मैचों में 752 रन बना डाले।ओवल है वो मैदान जहां सचिन नहीं इस भारतीय गेंदबाज के बल्ले से निकला है शतकआज जहां 5वां टेस्ट खेलेगी इंडिया, 47 साल से वहां नहीं जीता भारत

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari