टीम इंडिया की नई दीवार बन चुके चेतेश्वर पुजारा का आज 33वां जन्मदिन है। पुजारा एक बेहतरीन टेस्ट क्रिकेटर हैं। उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाने में उनके पिता का अहम योगदान रहा। पिता पुजारा के कोच रहे हैं। उनकी एक जिद ने पुजारा को आज भारतीय क्रिकेट का बेहतरीन टेस्ट बल्लेबाज बना दिया।

कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। 25 जनवरी 1988 को गुजरात के राजकोट में जन्में चेतेश्वर पुजारा आज 33 साल के हो गए। पुजारा भारत के दाएं हाथ के मध्यक्रम बल्लेबाज हैं। वह एक क्रिकेट फैमिली से ताल्लुक रखते हैं। उनके दादा शिवपाल पुजारा बेहतरीन लेगस्पिनर थे। वहीं पिता अरविंद और चाचा विपिन सौराष्ट्र की तरफ से रणजी मैच खेल चुके हैं। पुजारा से पहले तक परिवार का कोई भी सदस्य टीम इंडिया के लिए नहीं खेल सका। ऐसे में चेतेश्वर अपने परिवार से पहले भारतीय क्रिकेटर हैं। चेतेश्वर का टीम इंडिया में आना और यूं छा जाना, इतना आसान नहीं था। इसके पीछे उनकी मां को वो सपना था जिसे पूरा करने के लिए उनके पिता अरविंद ने अपनी पूरी जिंदगी गुजार दी।

मां जल्द ही दुनिया को कह गई अलविदा
चेतेश्वर पुजारा अपने घर के लाडले रहे हैं। वह अपने मां-बाप की इकलौती संतान हैं। ऐसे में वह काफी दुलारे रहे। पिता अरविंद जो भारत के लिए कभी नहीं खेल सके। उनकी पत्नी रीमा ने अपने बेटे में भारतीय क्रिकेट का भविष्य देखा। पुजारा जैसे-जैसे बड़े होते गए उन्होंने पहले स्कूल फिर क्लब स्तर पर क्रिकेट खेलना शुरु कर दिया। साल 2005 की बात है तब पुजारा भावनगर में मैच खेलने गए थे। मैच खत्म होने के बाद पुजारा जब वापस घर लौटे तो उनके ऊपर दुख का पहाड़ टूट गया। उनकी मां रीना दुनिया को अलविदा कह चुकी थीं। दरअसल पुजारा की मां रीना को कैंसर था। मां के जाने का गम पुजारा के लिए काफी बड़ा था। उनकी मां अपने बेटे को टीम इंडिया में खेलते देखना चाहती थी।

पिता ने दी क्रिकेट की ट्रेनिंग
मां के गुजर जाने के बाद चेतेश्वर के पिता अरविंद ने अपने लड़के को क्रिकेटर बनाने की ठान ली। उनका सपना था कि वह अपनी पत्नी की इच्छा जरूर पूरी करेंगे। इसके लिए वह खुद ही चेतेश्वर को ट्रेनिंग देने जुट गए। क्रिकेट के जानकार होने के चलते पुजारा को बाहर किसी से टिप्स लेने की जरूरत ही नहीं पड़ी। पुजारा बताते हैं उनके पहले क्रिकेट कोच पिता ही थे। वह उनको क्रिकेट के गुर सिखाते थे। मां के गुजर जाने के बाद पुजारा काफी अकेले रह गए, क्योंकि वह अपनी मां के काफी क्लोज थे। घर में कोई और भाई-बहन न होने के कारण पुजारा अकेले पड़ गए। पिता अरविंद रेलवे की नौकरी करते थे इसलिए वो सुबह ही ऑफिस चले जाते थे। हालांकि पिता ने चेतेश्वर को मां की कमी कभी नहीं खलने थी। वह अपने बेटे को मां और पिता दोनों का प्यार दे रहे थे। सुबह उठकर किचन में चेतेश्चर का टिफिन बाॅक्स तैयार करना फिर ऑफिस जाना, अरविंद के डेली रूटीन में शामिल हो चुका था।

Happy birthday, @cheteshwar1 🎉
👕 81 Tests
🏏 6111 runs
🌟 46 fifty-plus scores
He has three Test double hundreds to his name, including a high score of 206* 👏
One of the grittiest batters in the game! pic.twitter.com/mGYnkpn0Lq

— ICC (@ICC) January 25, 2021

10 साल से खेल रहे टेस्ट क्रिकेट
दाएं हाथ के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने भारतीय टेस्ट टीम में साल 2010 में डेब्यू किया। पिछले 10 सालों में पुजारा भारत के लिए 81 टेस्ट मैच खेले जिसमें उन्होंने 47.74 की औसत से 6111 रन बनाए। इसमें 18 शतक और 28 अर्धशतक शामिल हैं। सालों से टेस्ट क्रिकेट खेल रहे पुजारा के करियर में ऐसे कई मौके आए जब उन्होंने पूर्व भारतीय बल्लेबाज राहुल द्रविड़ की बराबरी की। क्रिकइन्फो पर मौजूद डेटा के मुताबिक, द्रविड़ ने जहां 3000 टेस्ट रन बनाने के लिए 67 पारियां खेलीं थी तो पुजारा ने भी इतनी ही पारियों में यह मुकाम हासिल किया। इसके अलावा 4000 रन बनाने के लिए द्रविड़ और पुजारा दोनों ने 84-84 पारियां खेलीं और अब 5000 टेस्ट रन पूरे करने के लिए पुजारा को 108 पारियां खेलनी पड़ीं तो द्रविड़ ने भी इतनी ही पारियां खेलकर यह कीर्तिमान अपने नाम किया था।

टेस्ट में पूरे किए 6 हजार रन
भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने सोमवार को अपने नाम एक और रिकाॅर्ड दर्ज कर लिया। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 6,000 रन पूरे किए, इस प्रकार यह उपलब्धि हासिल करने वाले 11 वें भारतीय बल्लेबाज बने। सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (SCG) में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट के अंतिम दिन चौथी पारी के 76 वें ओवर में दाएं हाथ के बल्लेबाज ने ऑफ स्पिनर नाथन लियोन के खिलाफ एक चौका लगाया और खेल के सबसे लंबे प्रारूप में अपने 6,000 रन पूरे किए।

तोड़ चुके हैं गांंगुली का रिकाॅर्ड
6,000 टेस्ट रन बनाने के लिए पुजारा ने 134 पारियां खेली। इसी के साथ वह सबसे तेज छह हजार टेस्ट रन बनाने वाले छठे भारतीय बल्लेबाज बन गए। पुजारा से आगे सुनील गावस्कर (117), विराट कोहली (119), सचिन तेंदुलकर (120), वीरेंद्र सहवाग (123) और राहुल द्रविड़ (125) का नाम आता है। यह नहीं इस लिस्ट में पुजारा ने अजहर और गांगुली जैसे दिग्गजों को पीछे छोड़ दिया।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari