Happy Birthday Pullela Gopichand: जब प्लाॅस्टर बांधकर खेला मैच, एकेडमी बनाने के लिए घर रख दिया था गिरवी
कानपुर। 16 नवंबर 1973 को आंध्र प्रदेश में जन्में पुलेला गोपीचंद को बचपन से ही खेल में रुचि थी। शुरुआत में वह किसी एक खेल में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाते थे। क्रिकेट से लेकर फुटबाॅल और बैडमिंटन, गोपीचंद हर खेल में हाथ आजमाते थे। मगर 11 साल की उम्र में आने के बाद उनके भाई ने गोपीचंद को बैडमिंटन में ध्यान देने की सलाह दी, उसके बाद इस खिलाड़ी ने इस खेल में ऐसा नाम कमाया कि दुनिया भी याद करती है।
पुलेला गोपीचंद ने करियर के शुरुआती दिनों में मशहूर बैडमिंटन प्लेयर प्रकाश पादुकोण से ट्रेनिंग ली थी। प्रकाश पादुकोण बाॅलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण के पिता हैं। प्रकाश ने गोपीचंद को बैडमिंटन की एबीसीडी सिखाई और उन्हें अच्छी तरह से कोचिंग दी। यही वजह है कि गोपीचंद ने साल 1996 में पहला नेशनल चैंपियनशिप टूर्नामेंट जीता। आपको बता दें गोपीचंद ने यह टाइटल अपने पांच साल तक लगातार जीता था।
पुलेला गोपीचंद की खासियत थी कि वह जल्दी हार नहीं मानते थे। साल 1996 की बात है जब सार्क बैडमिंटन टूर्नामेंट के दौरान गोपीचंद के घुटने में चोट लग गई और उन्होंने प्लाॅस्टर बांधकर मैच खेला था। पुलेला के करियर की एक खास बात यह भी है कि जितने उन्होंने मैच नहीं जीते, उससे ज्यादा वह चोटिल हुए। इसके बावजूद उन्होंने अपने करियर को जारी रखा और भारतीय बैडमिंटन इतिहास में अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों से दर्ज करवाया।
बतौर खिलाड़ी बैडमिंटन से रिटायरमेंट के बाद पुलेला गोपीचंद ने हैदराबाद में बैडमिंटन एकेडमी खोली। हालांकि इसे वर्ल्ड क्लाॅस बनाने के लिए गोपीचंद को काफी संघर्ष करना पड़ा। डीडी न्यूज में दिए एक इंटरव्यू में पुलेला ने खुलासा किया था कि, सरकार ने उन्हें एकेडमी खोलने के लिए जमीन तो दे दी मगर इसमें सुविधांए पूरी करने के लिए कोई आगे नहीं आया। तब गोपीचंद ने अपना घर गिरवी रख एकेडमी को बेहतर बनाया ताकि युवा खिलाड़ियों को वहां अच्छे से प्रशिक्षण मिल सके।