Happy Birthday Rani Mukerji: आवाज पर उठे कई बार सवाल, सफलता और अवॉर्ड से बनाई पहचान
कानपुर। Happy Birthday Rani Mukerji: रानी मुखर्जी की जर्नी सच पूछो तो उनकी कजिन काजोल की सक्सेज को देख कर मिली इंस्परेशन से शुरू हुई थी। ये बात खुद रानी ने एक इंटरव्यू में बताई थी। शुरूआत में अपनी आवाज के डिफरेंट टेक्सचर और कद के चलते उन पर कई बार सवाल उठाये गए, पर रानी के टैलेंट की आवाज इन दोनों ही बातों से काफी ऊंची थी। यही वजह है कि 1996 में आई उनकी पहली फिल्म 'राजा की आयेगी बरात' के हिट ना होने के बावजूद उन्हें ना सिर्फ पहचान मिली बल्कि 'गुलाम' मूवी में आमिर खान के साथ काम करने का मौका भी मिला। रानी ने अपने करियर में कई हिट फिल्में दीं और उन्हे काफी अवॉर्ड भी मिले जाने उनमें से कुछ के बारे में।
1998 में 'गुलाम' में रानी को भले ही एक छोटा से रोल मिला पर फिल्म की कामयाबी में उनका रोल काफी इंपोर्टेंट माना गया उन पर आमिर पर पिक्चराइज किया गया सॉन्ग "आती क्या खंडाला" हिट होने के साथ एक गेम चेंजर भी साबित हुआ। इसके बाद ही उनको करन जौहर की फिल्म 'कुछ कुछ होता है' में काम मिला और फिल्म की कामयाबी और उसमें रानी के करेक्टर अंजलि ने सफलता की एक अलग स्टोरी लिखी। अपनी बहन काजोल के साथ रानी ने अपने आप को बराबर की एक्ट्रेस साबित किया। इस फिल्म ने रानी को उनका पहला फिल्म फेयर अवॉर्ड भी दिलाया। बेशक बहुत बड़ी सफलता नहीं मिली पर रानी को एक नई पहचान मिली कमल हासन के साथ फिल्म 'हे राम' से। ये फिल्म भारत की ओर से ऑस्कर अवॉर्ड में भी भेजी गई। अपने करियर में रानी कई छोटी बड़ी फिल्मों में काम किया जिसमें ज्यादातर सफल रहीं कुछ कामयाब नहीं हुंई पर रानी की एक्टिंग को उनमें भी बसंद किया गया और सराहना मिली।
5 अवॉर्डसरानी को वैसे तो कई फिल्मों के लिए पुरस्कार मिले हैं पर यहां हैं बात कर रहे हैं उनके पांच फिल्मफेयर अवॉर्डस की जो उनके लिए बेहद अह्म रहे। उनको पहला फिल्मफेयर 1998 में फिल्म 'कुछ कुछ होता है' में बेस्ट एक्टर फीमेल इन सपोर्टिंग रोल के लिए दिया गया। इसके बाद 2004 में 'युवा' और 2011में 'नो वन किल्ड जेसिका' में भी वे बेस्ट एक्टर फीमेल इन सपोर्टिंग रोल के लिए ऑनर की गईं। 2002 में 'साथिया' और 2005 में 'ब्लैक' फिल्मों में उनकी भूमिकाओं के लिए उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवार्ड दिया गया। खास बात ये रही कि 2004 में उन्हें 'हम तुम' और 2005 में 'ब्लैक' में उनकी भूमिकाओं के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का रेग्युलर फिल्मफेयर अवॉर्ड भी हासिल हुआ।
अवॉर्डस और हिट फ्लॉप से अलग रानी की कुछ फिल्में ऐसी भी रही हैं जिन्होंने उनको एक खास पहचान और मुकाम दिलाया है। फिल्ममेकर आदित्य चोपड़ा से शादी और एक बेटी की मां बनने के बाद रानी बेशक बहुत सीमित फिल्मों में काम करती हैं पर उससे पहले ही वे डिफरेंट फ्लेवर की फिल्मों के लिए पहचान बनाने लगी थीं। उन्हीं में से 5 मेन फिल्मों का जिक्र हम यहां कर रहे हैं। इस लिस्ट में पहला नाम 2011 में आई फिल्म 'नो वन किल्ड जेसिका' का आता है जिसमें वे विद्या बालन के साथ नजर आई थीं। इस फिल्म को उनकी वोमेन सेंट्रिक फिल्मों की कड़ी में पहली फिल्म भी माना जा सकता है। इसके बाद 2012 में आई फिल्म 'अइय्या' में भी उनका किरदार कुछ अलग किस्म का था। भले ही फिल्म कामयाब नहीं रही पर पहली बार रानी की कॉमिक साइड लोगों को नजर आई। इसके बाद 2014 में रानी फर्स्ट टाइम एक्शन अवतार में नजर आईं जब उन्होंने फिल्म 'मर्दानी' में एक पुलिस अधिकारी को किरदार प्ले किया। ब्रैड कोहेन की आत्मकथा फ्रंट ऑफ़ द क्लास से इंस्पायर 2018 की कॉमेडी-ड्रामा मूवी 'हिचकी' में नैना माथुर के किरदार को उन्होंने पूरी कामयाबी से निभाया। ये एक ऐसी टीचर की कहानी थी जो टॉरेट सिंड्रोम की शिकार थी और खुद के साबित करने का कोशिश कर रही थी। 2019 में रानी 'मर्दानी 2' के साथ एक बार फिर शिवानी शिवाजी रॉय के करेक्टर में लौटीं, ये फिल्म मर्दानी का सीक्वल थी और इसे गोपी पुथरण, जिन्होंने पहली फिल्म लिखी थी, ने डायरेक्ट की थी।