Happy Birthday Sreesanth: कहते हैं किस्मत इंसान को न जाने कहां से कहां पहुंचा देती है। ऐसी ही एक कहानी है भारतीय क्रिकेट के पोस्टर ब्वाॅय रहे चुके एस श्रीसंत की जिनका क्रिकेट ग्राॅफ जितनी तेजी से ऊपर चढ़ा उतनी जल्दी ही उनका करियर भी खत्म हो गया। आइए आज श्रीसंत के 38वें बर्थडे पर जाने उनकी जिदंगी से जुड़ी रोचक बातें...

कानपुर। 6 फरवरी 1983 को केरल के कोठामंगलम में जन्में शांताकुमारन श्रीसंत भारत के बेहतरीन तेज गेंदबाजों में से एक रहे हैं। श्रीसंत की गेंदबाजी की खासियत उनका अग्रेशन था। वह आक्रामकता के साथ गेंदबाजी करते थे। यही वजह है कि विकेट मिलने पर उनका जश्न मनाना अक्सर विवादों में आ जाता था। विवाद और श्रीसंत का चोली-दामन का साथ था। मैदान के अंदर हो या बाहर, श्रीसंत हमेशा सुर्खियों में बने रहे। खासतौर से जब आईपीएल फिक्सिंग में श्रीसंत का नाम सामने आया तो पूरी दुनिया हैरान रह गई। आइए नजर डालतें है इस खिलाड़ी के करियर पर..

कम उम्र में ही कमाया नाम

किसी से पूछेंगे कि रणजी ट्राॅफी में हैट्रिक लेने वाला केरल का इकलौता गेंदबाज कौन है? इसका सीधा जवाब होगा एस श्रीसंत। इस तेज गेंदबाज ने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही लोगों को अपनी गेंदबाजी से आकर्षित करना शुरु कर दिया था। हालांकि घरेलू क्रिकेट में वह एक कमजोर टीम का हिस्सा थे मगर वह अपने प्रदर्शन से इतने बड़े हो जाते कि लोगों की निगाह इस क्रिकेटर पर पहुंच जाती। घरेलू क्रिकेट के पहले ही सीजन में दलीप ट्राॅफी के लिए सलेक्ट हो जाना आसान बात नहीं थी मगर 2002 में श्रीसंत ने यह कर दिखाया और सात मैचों में 22 विकेट भी अपने नाम किए।

2005 में रखा इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम

दाएं हाथ के तेज गेंदबाज श्रीसंत ने साल 2005 में इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा। राहुल द्रविड़ की कप्तानी में श्रीसंत को श्रीलंका के खिलाफ नागपुर में पहला वनडे खेलने को मिला। ये मैच वैसे तो भारत के नाम रहा था मगर भारत की जीत की आखिरी कील श्रीसंत ने गाड़ी थी। इस तेज गेंदबाज ने अपने वनडे डेब्यू को यादगार बनाते हुए 5.4 ओवर में 39 रन देकर 2 विकेट चटकाए थे। इसके बाद 2006 में श्रीसंत को पहला टी-20 खेलने का मौका मिला जिसमें भी एक विकेट मिला।

भारत की ऐतिहासिक जीत का रहे हिस्सा

वनडे क्रिकेट में श्रीसंत महंगे जरूर साबित होते थे मगर उन्हें विकेट टेकर बाॅलर कहा जाता था। टेस्ट में भी वह ऐसा ही करते रहे। जून 2006 में एंटीगुआ में श्रीसंत ने लगातार ओवरों में रामनरेश सरवन और ब्रायन लारा (0) को आउट किया, और फिर जमैका में पांच विकेट लिए और भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। यह साल कई हाइलाइट्स में से एक था, जिसमें जोहान्सबर्ग में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आठ विकेटों की जीत शामिल थी, जिसने भारत को विदेश में अपना पहला टेस्ट जीतने में मदद की।

आईपीएल में थप्पड़ कांड रहा सुर्खियों में

आईपीएल में श्रीसंत से जुड़ा थप्पड़ कांड काफी सुर्खियों में रहा था। साल 2008 की बात है उस वक्त श्रीसंत किंग्स इलेवन पंजाब का हिस्सा थे और उनकी लड़ाई मुंबई इंडियंस के हरभजन सिंह से हो गई। फिर क्या भज्जी ने श्रीसंत को मैदान पर ही जोरदार तमाचा जड़ दिया। उस वक्त श्रीसंत की मैदान से रोते हुए बाहर जाने की तस्वीरें भी सामने आई थी।

साल 2013 में मैच फिक्सिंग में हुए अरेस्ट

श्रीसंत की जिदंगी का सबसे बड़ा दाग आईपीएल फिक्सिंग रहा था। साल 2013 में पुलिस ने श्रीसंत सहित कुछ अन्य क्रिकेटरों को स्पाॅट फिक्सिंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। श्रीसंत 27 दिनों तक जेल में भी रहे। दरअसल श्रीसंत ने पैसे लेकर एक ओवर में 14 रन दिए थे। इसके एवज में उन्हें 5 लाख रुपये मिले थे। इसके बाद 17 मई, 2017 को श्रीसंत ने स्पॉट फिक्सिंग का आरोप भी कबूल लिया और उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया।

क्रिकेटर से बने एक्टर

क्रिकेट में करियर खत्म होता देख श्रीसंत ने फिल्मी दुनिया की ओर कदम रखा। श्रीसंत ने बाॅलीवुड फिल्म अक्सर 2 में काम किया है। इसके अलावा एक मलयालम फिल्म 'टीम फाइव' में भी श्रीसंत ने काम किया। हालांकि एक्टर बनने के लिए श्रीसंत ने जबरदस्त बाॅडी ट्रांसफाॅर्मेशन किया। दुबला-पतला क्रिकेटर अब बाॅडी बिल्डर जैसा बन गया।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari