बॉलिवुड के चंद ऑल टाइम हिट एक्टर्स में गिने जाने वाले एक्टर्स में से एक विनोद खन्ना का बर्थडे है. विनोद खन्ना ने ना सिर्फ सक्‍सेज के पीक पर अपने करियर बल्कि खुशहाल फेमिली को भी ठुकरा कर आचार्य रजनीश यानि ओशो दीक्षा ली थी और उनके आश्रम में चले गए थे.


अपने दौर के हैंडसम एक्टर्स में गिने जाने वाले विनोद खन्ना की पर्सनल लाइफ भी एक फिल्म की कहानी जैसी ही है. उन्होंने कॉलेज टाइम लव को अपनी लाइफ बनाया और फिर उसी का छोड़ दिया वो आचार्य रजनीश उर्फ ओशो का फॉलोअर बनने के लिए. इंडो पाक पार्टिशन के बाद विनोद खन्ना के पेरेंटस पेशावर से मुंबई आए फिर दिल्ली गए और फिर वापस मुंबई आकर सेटेल हुए. उनके साथ विनोद की लाइफ भी दिल्ली और मुंबई के बीच घूमती रही. फाइनली उन्हें नासिक के बोर्डिंग स्कूल भेज दिया गया. इसके बाद वहीं के सिद्धेहम कॉलेज से उन्होंने कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया. यंग एज के हैंडसम विनोद की जल्दी ही वहां लड़कियां दीवानी होने लगीं और बताते हैं तभी स्टडीज के दौरान उन्हें गीतांजली मिलीं जो पहले उनकी फ्रेंड और फिर उनका फर्स्ट लव बन गयीं. फाइनली विनोद खन्ना ने गीतांजलि से 1971 में शादी कर ली और उनके दो बेटे हुए राहुल खन्ना और अक्षय खन्ना. पर ये हैप्पी एंडिंग नहीं थी.


अपनी शादी के पांच साल बाद विनोद खन्ना आचार्य रजनीश, जो ओशो के नाम से फेमस थे, से इंप्रेस होने लगे और फाइनली उनके फॉलोअर बन कर उनके आश्रम में चले गए. वहां जा कर विनोद आश्रम के माली बन गए और इसके साथ ही वो वहां रहने वालों और आने वाले विजिटर्स के जूठे बर्तन भी धोते थे. इस बीच दोनों बच्चों के साथ अकेली रह गयीं गीतांजली ने इसे धोखा माना और वो विनोद से दूर होने लगीं. आखिर में जब तक विनोद को ये रियलाइज होता कि ये सही लाइफ स्टाइल नहीं है और 1987 के आसपास वो वापस लौटे तब तक उनके इस वन साइडेड डिसीजन ने उनके और गीतांजली के रिलेशन में काफी डिफरेंसेज पैदा कर दिए थे और फाइनली दोनों का डाइर्वोस हो गया.

1990 में विनोद खन्ना ने कविता से सेकेंड मैरिज की और उनके भी दो बच्चे हैं, बेटा, साक्षी और बेटी श्रद्धा. इसके बाद विनोद को सक्सेज तो मिली लेकिन उनके वो पुराने दिन नहीं लौटे. एज प्रोड्यूसर और टीवी एक्टर भी वो खास सक्सेजफुल नहीं हुए. फिल्हाल वो गुरदासपुर सीट से पार्लियामेंट मेंबर है. उन्होंने 1997 में बीजेपी ज्वाइन करने बाद पॉलिटीशियन के तौर पर करियर स्टार्ट किया. इस फील्ड में भी वो काफी सक्सेज फुल रहे और दो बार मिनिस्टर बन चुके हैं. पहले वो जुलाई 2002 में यूनियन मिनिस्टर ऑफ कल्चर एण्ड टूरिज्म रहे और उसके बाद मनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर के स्टेट मिनिस्टर बना दिए गए.

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Posted By: Molly Seth