आज शारदीय नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्‍यायनी की पूजा होती है। इस दिन मां दुर्गा की स्थापना हो जाती है। इस मौके पर हम बताएंगे कि बांग्लादेश में दुर्गा पूजा की धूम सबसे ज्यादा कहां होती है...


कानपुर। आज शारदीय नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है। देवी पार्वती ने यह रूप महिषासुर का वध करने के लिए धारण किया। बता दें कि नवरात्र में देवी कात्यायनी की पूजा के साथ ही नवरात्र का उत्सव तेज होने लगता है। पूजा पंडालों में इसी दिन से विशेष पूजा का आरंभ हो जाता है। इस मौके पर हम आपको बताएंगे कि बांग्लादेश की राजधानी ढांका में दुर्गा पूजा की धूम सबसे ज्यादा कहां होती है...ढाकेश्वरी मंदिर
'ढाकेश्वरी' नाम का अर्थ 'ढाका की देवी' है। यह ढाका में राष्ट्रीय हिंदू मंदिर है। यह मंदिर मूल रूप से 12वीं शताब्दी में सेन राजवंश के राजा बल्लाल सेन द्वारा बनाया गया था। ढाका में सबसे बड़े मंदिरों में से एक होने के नाते, ढाकेश्वरी में पूजा उत्सव उन लोगों के लिए एक अद्भुत अनुभव है, जो उत्सव में मां षष्ठी की पूजा करना चाहते हैं। ढाकेश्वरी मंदिर हर दिन खुला रहता है।इस्कॉन हरे कृष्ण मंदिर


ढाका के स्वामीबाग रोड पर स्थित, इस्कॉन हरे कृष्ण मंदिर में दुर्गा पूजा की शुरुआत 'उल्टो रथ यात्रा' के साथ शुरू होती है, जो भगवान जगन्नाथ के रथ से निकलकर ढाकेश्वरी मंदिर से महालय के परिसर तक जाती है। भव्य समारोह और पूजा की सजावट के साथ यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए शाकाहारी भोजन का भी प्रबंध करता है। यह सड़क पर रहने वाले भिखारियों, बच्चों और अन्य अयोग्य समुदायों के लिए मुफ्त भोजन की भी व्यवस्था करता है। बनानी पूजा मंडपयह ढाका के सबसे बड़े पूजा मंडपों में से एक है और इसे गुलशन-बनानी सरबजनिन पूजा परिषद द्वारा आयोजित किया जाता है। यह पूजा स्थल हमेशा हिंदू श्रद्धालुओं, खासकर युवाओं से भरा रहता है, जो भजन का भी आनंद लेते हैं। इसमें मां दुर्गा की एक सुंदर मूर्ति भी स्थापित की जाती है। उत्सव के दौरान कई हस्तियां मंडप का दौरा करती हैं।

Posted By: Mukul Kumar