- फ्रेंडशिप डे आज, शहर में कुछ ऐसे भी शख्स, जिनके बेस्ट फ्रेंड हैं उनके पैट्स

LUCKNOW: जरूरी नहीं कि दोस्ती बस अपने हम उम्र से हो, ये भी जरूरी नहीं कि दोस्ती केवल मनुष्य से हो। दोस्ती तो किसी भी जानवर से भी हो सकती है, जैसे एक इंसान के साथ होती है। हमारे बीच ऐसे कई लोग हैं जिनकी जानवरों से ऐसी अटूट दोस्ती है। इनके लिए पूरी दुनिया उनके पैट्स ही हैं। आज के इस दौर में जहां इंसान इंसान की मदद नहीं करता, वहीं कुछ ऐसे लोग हैं जो अपने पैट्स को घर में रखने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। इतना ही नहीं, कई खतरनाक जानवरों को लोगों के चंगुल से बचाकर उनको नई जिंदगी देने का काम कर रहे हैं।

लड़ रहे हैं कानूनी लड़ाई

शहर के इंदिरा नगर निवासी ओजस्वी गोविल इनमें से ही एक हैं। इनके परिवार में पत्‍‌नी और एक बेटा है, लेकिन वो अपने परिवार में तीन नहीं, बल्कि चार लोगों का सदस्य बताते हैं। उनका चौथा सदस्य है टिप्सी डॉग। ओजस्वी ने बताया कि ये उनके परिवार के सदस्यों की तरह है, बस बोल नही सकती। तो क्या हुआ, हमारी फीलिंग एक ही है। ओजस्वी कहते हैं कि जबसे टिप्सी को लेकर आए हैं तो पड़ोसी ने एनीमल एक्ट के तहत केस कर दिया। मैं पिछले छह साल से केस लड़ रहा हूं। उन्होंने बताया कि जब तक मेरा बेटा सोता नहीं, तब तक वो भी नहीं सोती है। वो मेरे परिवार का सबसे अहम हिस्सा है और मेरी सबसे अच्छी साथी भी।

इनसे अच्छा दोस्त कोई नहीं

ऐसी ही एक और दोस्ती की दास्तां देखनी है तो प्रदीप से मिलें। आरडीएसओ में रहने वाले राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रहे प्रदीप कुमार पात्रा की कहानी भी इन्हीं जानवरों के बीच ही गुजरती है। उन्होंने बताया कि मैं जब छोटा था, तब मैं स्ट्रीट डॉग को घर ले आता था। तब मेरे पिता ने कहा था कि जब खुद कमाना तो यह शौक पूरे करना। फिर मैं अपने पैरों पर खड़ा हुआ तो डॉग को घर ले आया। इसके बाद तो मेरा वक्त इन्हीं के साथ गुजरने लगा। आज के जमाने में इंसान से ज्यादा वफादार और हमदर्द तो ये पैट्स हैं। उनका लगाव ऐसा बढ़ा कि उन्होंने अपनी संस्था एमआरएसपी खोल दी, जिसमें वो ऐसे जानवरों को बचाने का काम करते हैं जो बीमार या चोटिल होते हैं। उन्होंने बताया उनके पास टैबो नाम का एक पैट है, जो दोस्त है। परिवार में पत्‍‌नी के अलावा एक बेटी थी, जिसका कुछ महीनों पहले देहांत हो गया। ऐसे में परिवार में टैबो ही उनका दोस्त व उनका साथी है।

Posted By: Inextlive