हर बहन चाहती है कि उसका भाई उसके साथ-साथ बाकी लड़कियों का भी उतना ही सम्मान करे। यही सोच फिल्मी सितारे भी रखते हैं।


मुंबई (ब्यूरो)। रक्षाबंधन स्पेशल धागे में बंधा मजबूत रिश्ता बदलते वक्त के साथ रक्षाबंधन पर भाइयों की जिम्मेदारियां थोड़ी बदली हुई हैं। हर बहन चाहती है कि उसका भाई उसके साथ-साथ बाकी लड़कियों का भी उतना ही सम्मान करे। यही सोच फिल्मी सितारे भी रखते हैं। रक्षाबंधन पर रक्षा की अहमियत बताई सितारों ने।बहन से बंधवाती हूं राखी : तापसी पन्नू


मेरा कोई सगा भाई नहीं हैं। मैं और मेरी बहन शगुन हम दो बहनें हैं। मुझसे बड़े और छोटे कई चचेरे और ममेरे भाई हैं, जिन्हें मैं राखियां भेजती हूं। विदेश में रहने वाले भाई को मैंने पहले ही राखी भेज दी थी। बाकी भाइयों को अपने हाथों से राखी बाधूंगी। राखी के दिन भाइयों से मिलने वाले उपहार को लेकर मैं बहुत उत्सुक रहती हूं। मेरे भाई राखी के मायने समझते हैं और उस पर अमल भी करते हैं। मेरा एक भाई है जिसे हर समय मेरी सुरक्षा की चिंता लगी रहती है। वह मेरे बॉडीगॉर्ड जैसा व्यवहार करने लगता है। वह विदेश में रहता है। ऐसे में हमारा मिलना कम ही हो पाता है। लेकिन जब भी मिलता है उसके अंदर एक्सट्रा भाईपन जाग जाता है। मैं अपनी बहन से भी राखी बंधवाती हूं। मेरा मानना है कि हर भाई को राखी का महत्व समझना चाहिए। उसे पता होना चाहिए कि यह त्योहार क्यों मनाया जा रहा है।'भाई हर बहन की रक्षा के बारे में सोचे: कीर्ति कुल्हारी

मेरा मानना है कि बिना अपनी सोच बदले इस समाज में कोई बदलाव नहीं आने वाला है। आप अपने परिवार के सदस्यों से बहुत कुछ सीखते हैं। सीखने की प्रक्रिया बचपन से आरंभ होती है। हर बच्चे को जीवन की सबसे बड़ी शिक्षा उसके घर से मिलती है। अपने बच्चों को कुछ सिखाने से पहले हमें खुद में भी बदलाव लाना होगा। भाइयों को भी सिर्फ अपनी बहनों की ही नहीं, बल्कि हर बहन की सुरक्षा के बारे में सोचना चाहिए। जो इज्जत और प्यार अपनी बहन के लिए होता है, वही इज्जत आसपास मौजूद दूसरी महिलाओं के लिए भी होना चाहिए। मैं यह नहीं कहती हूं कि हर लड़की को बहन बना लें। लेकिन उसका सम्मान जरूर करें। मैं त्योहारों को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं रहती हूं। लेकिन मुझे अच्छा लगता है जब इस दिन सब घर पर इकठ्ठा होते हैं। मैं अपनी फिल्म 'द गर्ल ऑन द ट्रेन' की शूटिंग के लिए करीब डेढ़ महीने लंदन रहूंगी। राखी से पहले मैंने भाई से बात कर ली थी। वह मर्चेट नेवी में है। मैंने उनसे कहा था कि आ जाओ मिल लेते हैं। तुम्हें राखी बांध देती हूं। उसका यही जवाब था कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो आ जाऊंगा। सच कहूं तो मेरा भाई सबका बहुत ख्याल रखता है। वह कभी जताता नहीं है, लेकिन उसके हावभाव में यह दिख जाता है। एक अच्छा भाई होने के साथ वह एक अच्छा दोस्त भी है। वह मुझसे छोटा है पर उसका व्यवहार एक बड़े भाई की तरह होता है। राखी पर पहले हमें भाई से पांच सौ से हजार रुपये मिल जाते थे। अब सिर्फ यही इच्छा है कि वह जहां भी रहे खुश रहे और स्वस्थ रहे। हमारे बीच जो प्यार है, वह बरकरार रहे।'भाई को सिखाया महिलाओं की इज्जत करना: मृणाल ठाकुर'

इस रक्षाबंधन पर मेरी फिल्म रिलीज हो रही है। मेरे भाई ने मुझसे कहा कि दीदी यह मेरे लिए आपकी तरफ से बेस्ट तोहफा है। मेरा भाई मेरे लिए बच्चे की तरह है। मैंने अपने भाई से हमेशा यही कहा है कि तुम्हें महिलाओं को इज्जत देना सीखना चाहिए। हमने उसमें यह आदत डाली है कि घर में जो काम लड़कियां करती हैं वह उसे भी करना चाहिए। भले ही वह छोटा सा काम ही क्यों न हो। पहले लड़कों और लड़कियों से अलग-अलग व्यवहार किया जाता था। मैं अपने भाई से कहती हूं कि अगर कभी तुम भावुक होते हो और लगता है कि रोने से तुम्हारा मन हल्का हो जाएगा तो तुम बेहिचक रो सकते हो। एक अच्छा इंसान बनने के लिए हम उसे ये चीजें सिखाते हैं। कभी-कभी लोग कहते हैं कि लड़कियों की तरह रोता है। मैं समझती हूं कि लड़कों की भी भावनाएं होती है। अपने लोगों के बीच वह भी रो सकते हैं।' बहन की राखी न मिलने पर हुआ था मायूस: प्रभास'राखी का त्योहार बचपन में मनाने में बहुत मजा आता था। मेरी एक बहन और एक भाई है। उसके अलावा कई चचेरे और ममेरी बहनें भी हैं। हमारा परिवार काफी बड़ा है। मेरी बहन मुझे लेकर बहुत इमोशनल है। मैं नौवीं क्लास में हॉस्टल में रहता था। राखी पर स्कूलों पर एक दिन की छुट्टी होती थी। लिहाजा घर आने का मौका नहीं होता था। हालांकि उस दिन अपनी बहन की भेजी राखी का बेसब्री से इंतजार रहता था। उस साल मेरी बहन की राखी नहीं आई थी। जबकि मेरे सभी सहपाठी की बहनें आई थीं। वे सब अपनी कलाइयों पर राखी बांधे घूम रहे थे। उस दिन मुझे बहुत निराशा हुई थी। यह बात मैंने अपनी बहन से भी बताई थी। उसके बाद वह कहीं भी हो राखी पर आती है। विदेश में रहने पर हमारे बीच बात हो जाती है। राखी बहनों की रक्षा का वचन लेने का पर्व है। मेरा मानना है कि महिलाओं की इज्जत करने से समाज में बदलाव खुद ही दिखने लगेगा। उसकी पहल हर इंसान को खुद ही करनी होगी।'बहनों ने सिखाई समझदारी: करण सिंह ग्रोवरबिपाशा की छोटी बहनें विजयेता और मोनई अब मेरी बहनें भी हैं। उनकी बड़ी बहन बिदिशा को मैंने बहन नहीं बनाया है, क्योंकि वह बहुत ही क्यूट हैं। बहनों का होना एक अलग ही एहसास है। मुझे लगता है कि अगर मेरी कोई सगी बहन होती तो आज मैं थोड़ा और बेहतर इंसान होता। अब मैं समझ गया हूं कि बहन होने की वजह से आपके जीवन में क्या बदलाव आ सकते हैं। यह एक खूबसूरत एहसास है। अब पहले से ज्यादा जिम्मेदार, प्रोटेक्टिव और समझदार हो गया हूं। जब बहनों के साथ वक्त बिताता हूं तो एक अलग ही जोन में होता हूं। हमारा वाट्सएप पर एक ग्रुप है, जिसका नाम है बासु ग‌र्ल्स और उसमें मेरा नाम भी है। मैंने उन्हें कहा कि मुझे लड़की मत बनाओ। तुम सब मुझसे लड़कियों वाली सारी बातें कर सकती हो, बस लड़की मत बनाओ। फिर उन्होंने ग्रुप का नाम बदलकर रखा बासु ग‌र्ल्स प्लस बासु ब्वॉय रख दिया। मैं खुशकिस्मत हूं कि मेरे जीवन में अब बहनें हैं।

Posted By: Mukul Kumar