>RANCHI: भाकपा माओवादी के मोस्ट वांटेड झारखंड-बिहार के जोनल कमांडर रामचंद्र महतो उर्फ चिराग दा उर्फ जोधन उर्फ प्रमोद दा उर्फ बड़का दा को शुक्रवार की देर रात जमुई पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। चिराग दा पर झारखंड पुलिस ने ख्भ् लाख का ईनाम घोषित किया था। वह 9 नवंबर, ख्0क्ख् को गिरिडीह जेल ब्रेक कांड का मास्टरमाइंड था। झारखंड पुलिस की ईनामी सूची में उसका नाम टॉप टेन में था। चिराग दा के मारे जाने के बाद बिहार पुलिस ने इसकी सूचना झारखंड पुलिस को दी है।

हथियार जब्त, एसपी जख्मी

एसपी (नक्सल अभियान) दिवाकर पांडेय के मुताबिक, शुक्रवार की रात जमुई जिले के चरकापत्थर थाने के जंगली क्षेत्र में पुलिस व नक्सलियों के बीच हुई भीषण गोलीबारी में दो नक्सली मारे गए थे। पुलिस ने वहां से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किया है। चिराग दा और उसके दस्ते के जमुई में प्रवेश करने की सूचना जमुई एसपी जयंतकांत व सीआरपीएफ को मिली थी। पुलिस की टीम तलाश में गई, तो चरकापत्थर के जंगल में नक्सलियों के होने की बात का पता चला। पुलिस को देखकर नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। इस एनकाउंटर में पूरे ऑपरेशन को अंजाम देने वाले जमुई के एडिशनल एसपी डीएन पांडेय भी जख्मी हो गए।

जेल ब्रेक कांड का मास्टरमाइंड

9 नवंबर, ख्0क्ख् को गिरिडीह में हुए जेल ब्रेक को रामचंद्र महतो उर्फ चिराग ने ही लीड किया था। इसमें गिरिडीह के अदिडीह में कोर्ट से पेशी के बाद जेल आ रहे शीर्ष नक्सली प्रवेश दा के कैदी वैन पर हमला कर उसे छुड़ा लिया गया था। इस हमले में तीन पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे और एक बंदी की भी मौत हो गई थी। इस दौरान आठ नक्सली समेत कुल ख्9 बंदी भागने में सफल हो गए थे। बाद में पुलिस ने छापेमारी कर नक्सलियों व बंदियों को गिरफ्तार किया था।

चिराग पर भ्0 से अधिक मामले

बिहार में चिराग दा के खिलाफ भ्0 से अधिक मामले विभिन्न थाना क्षेत्रों में दर्ज हैं। मुख्य रूप से लखीसराय के कजरा कांड, जमुई के मरियम पहाड़ी, गिद्धेश्वर कांड, महुलिया टांड़ कांड के साथ अन्य कांडों में भी पुलिस को इसकी तलाश थी।

गिरिडीह का रहनेवाला था चिराग

माओवादियों का जोनल कमांडर चिराग मूल रूप से झारखंड के जलुआडीह पोखरण, थाना पीरटांड़, जिला गिरिडीह का रहनेवाला था। इसके आपराधिक कार्यो को लेकर ही बिहार-झारखंड में जोनल कमांडर का दर्जा दिया गया था। हाल ही में उसे स्पेशल एरिया कमिटी में भी सदस्य मनोनीत किया गया था।

भेलवाघाटी व चिलखारी नरसंहार

गिरिडीह जिले के भेलवाघाटी व चिलखारी नरसंहार में मारे गए फ्म् लोगों की हत्या का जिम्मा जोनल कमांडर कुंवर यादव उर्फ बशीर उर्फ राजकुमार को दिया गया था। एक साल बाद ख्00भ् में भेलवाघाटी नरसंहार में चिराग दा सफल रहा। अगुवाई राजकुमार ही कर रहा था, लेकिन नेतृत्व चिराग का था। क्क् सितंबर, ख्00भ् को भेलवाघाटी गांव में ग्राम रक्षा दल के क्7 सदस्यों की माओवादियों ने हत्या कर दी थी। वहीं, ख्म् अक्टूबर, ख्007 को गिरिडीह के देवरी थाना स्थित चिलखारी गांव में हथियारबंद नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर क्9 लोगों को मार डाला था।

Posted By: Inextlive