महारैली में हार्दिक पटेल ने चेताया 2017 में नहीं खिलने देंगे कमल
कलेक्टर को ज्ञापन देने से इंकार कर बैरंग लौटाया अहमदाबाद में पाटीदारों के आरक्षण की मांग को लेकर जुटी पटेल समुदाय की महारैली से गुजरात की भाजपा सरकार खासी परेशानी में आती हुई दिख रही है। रैली में लाखों लोगों की भीड़ जुटी और समुदाय के 21 साल के युवा नेता हार्दिक पटेल ने रैली की शुरूआत में कलेक्टर के ज्ञापन लेने की पेशकश को ठुकरा कर और सीएम आनंदीबेन पटेल को बुलाने की मांग रख कर खलबली मचा दी। पटेल ने कहा कि जब तक सीएम नहीं आयेंगी वह और समुदाय के दूसरे नेता उपवास पर बैठे रहेंगे।क्या कहा पटेल ने रैली में हार्दिक पटेल ने रैली को संबोधित करते हुए छह खास बातें कहीं और दावा किया कि जब तक सरकार के सामने रखी हुई उनकी पहले की पांचों मांगे पूरी नहीं होंगी आंदोलन बंद नहीं होगा।
उन्होंने रैली में मुख्य रूप से जिन छह बातों पर जोर दिया उनमें पहली बात थी अपनी पांच मांगों से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि ये आंदोलन आरक्षण मिलने के साथ खत्म होगा। विकास के नाम पर सरकार को वोट मिला है तो वो आरक्षण देकर विकास करे।
दूसरी बात थी पटेल समाज को उसका हक और न्याय मिलना चाहिए। उनका दावा है कि अगर एक सरदार पटेल देश को जोड़ सकते हैं तो राज्य में 80 लाख हैं, पूरे देश में 27 करोड़ हैं जो ये कमाल करने की ताकत रखते हैं। उनका कहना था कि हमारी लड़ाई सिस्टम के खिलाफ है किसी दल के साथ नहीं, इसलिए जो हमारे आंदोलन को सफल बनाएगा हम उसी का साथ देंगे।तीसरी बात हार्दिक ने कही कि पाटीदार समाज देश भर में 170 सांसद हैं, उनमें से कई को तो इस बारे में मालूम भी नहीं है। अत: प्यार से हक दे दो, नहीं तो वो छीन लेंगे।चौथी बात हार्दिक ने सीधे भाजपा को चुनौती देते हुए कही कि वे भीख नहीं मांग रहे हैं। बल्कि जहां निकलते हैं, वहीं पर क्रांति शुरू हो जाती है। यह आंदोलन 100 मीटर की दौड़ नहीं है, बल्कि एक मैराथॉन है और अगर उनकी बात नहीं सुनी गयी तो राज्य में 2017 में कमल नहीं खिल सकेगा।
बीजेपी को चेतावनी देते हुए उनके विरोधियों को अपना बनाने की बात भी हार्दिक ने साफ कर दी। उन्होंने कहा कि देश का युवा आंदोलन अपना हक मांगने के लिए करता है और जब उसका हक नहीं मिलता तो नक्सलवाद पैदा हो सकता है। गुजरात में पोल पॉवर बहुत अच्छा रहा है। पर अब बिहार सामने हैं और यहां नीतीश कुमार हमारे हैं। और आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू को अपना बताया। अपनी ताकत पर भरोसा जताते हुए हार्दिक ने दावा किया कि उनकी क्रांति का संदेश बच्चे-बच्चे की जुबान पर है वे खुद में ताकतवर हैं, उन्हें किसी की जरूरत नहीं है।
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