स्टिंग मामले में हरीश रावत को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत

अगली सुनवाई 31 मई को

NANITAL: सीएम हरीश रावत द्वारा विधायकों की खरीद फरोख्त से संबंधित कथित स्टिंग मामले में हाईकोर्ट में दायर याचिका पर राहत नहीं मिली है। हाईकोर्ट ने सीबीआई की प्रारंभिक जांच रोकने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई फ्क् मई निर्धारित करते हुए सीबीआई को मामले में जवाब दाखिल करने व पद की गरिमा बरकरार रखते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत से जांच में सहयोग करने को कहा है।

सीबीआई ने जारी किया था समन

राज्य में राष्ट्रपति शासन के दौरान दो अप्रैल को राज्यपाल डॉ। केके पॉल द्वारा मुख्यमंत्री के विधायकों की खरीद फरोख्त से संबंधित कथित स्टिंग मामले की सीबीआई जांच की संस्तुति केंद्र सरकार को भेजी गई थी। उसी दिन केंद्र सरकार द्वारा मामले की सीबीआई जांच की अधिसूचना जारी कर दी गई। नौ मई को सीबीआई ने रावत को पेश होने का समन जारी किया। उसी दिन रावत की ओर से सीबीआई को क्0 मई को फ्लोर टेस्ट होने का हवाला देते हुए अगली तिथि देने का आग्रह किया गया। उन्होंने पत्र में यह भी कहा था कि वह भविष्य में जांच में सहयोग करेंगे। इधर शुक्रवार को मुख्यमंत्री की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई, जिसमें सीबीआई जांच निरस्त करने की मांग की गई। याचिका में कहा गया है कि सीबीआई जांच की संस्तुति भेजने के दौरान राज्य में सरकार अस्तित्व में नहीं थी। अब सरकार अस्तित्व में है और स्टिंग मामले की जांच के लिए राज्य पुलिस सक्षम है। इसलिए सीबीआई जांच निरस्त की जाए।

एसआईटी से जांच कराने का लिया था निर्णय

याचिका में यह भी बताया गया कि राज्य कैबिनेट की बैठक में सीबीआई जांच वापस लेने का फैसला लेते हुए एसआईटी जांच का निर्णय लिया गया है। जस्टिस सर्वेश कुमार गुप्ता की एकल पीठ के समक्ष मामले पर सुनवाई के दौरान सीबीआई के अधिवक्ता ने दलील दी कि राज्य सरकार ने सीबीआई जांच की अधिसूचना को चुनौती नहीं दी है। आरोप मुख्यमंत्री पर थे, जबकि राज्य कैबिनेट ने मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में सीबीआई जांच वापस लेने का फैसला लिया। यह भी कहा कि अभी मामले की प्रारंभिक जांच चल रही है, मगर हरीश रावत द्वारा जांच में सहयोग नहीं किया जा रहा है। इसलिए कानून हित में जांच जरूरी है।

Posted By: Inextlive