हरियाली तीज की पूजा शाम के समय की जाती है। जब दिन और रात मिलते हैं तो उस समय को प्रदोष काल कहते हैं। इस समय स्वच्छ वस्त्र धारण कर पवित्र होकर पूजा करें।

हरियाली तीज की पूजा शाम के समय की जाती है। जब दिन और रात मिलते हैं तो उस समय को प्रदोष काल कहते हैं। इस समय स्वच्छ वस्त्र धारण कर पवित्र होकर पूजा करें।

— सबसे पहले भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की मूर्ति बनाएं। परंपरा के अनुसार, ये मूर्तियां स्वर्ण की बनी होनी चाहिए लेकिन आप काली मिट्टी से अपने हाथों से ये मूर्तियां बना सकती हैं।

— इसके बाद सुहाग श्रृंगार की चीज़ें माता पार्वती को अर्पित करें और भगवान शिव को वस्त्र भेंट करें।

- आप सुहाग श्रृंगार की चीज़ें और वस्त्र किसी ब्राह्मण को दान कर सकते हैं।

- इसके बाद पूरी श्रद्धा के साथ हरियाली तीज की कथा सुने या पढ़ें।

- कथा पढ़ने के बाद भगवान गणेश की आरती करें। इसके बाद भगवान शिव और फिर माता पार्वती की आरती करें।

- तीनों देवी-देवताओं की मूर्तियों की परिक्रमा करें और पूरे मन से प्रार्थना करें।

- पूरी रात मन में पवित्र विचार रखें और ईश्वर की भक्ति करें। पूरी रात जागरण करें।

- अगले दिन सुबह भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा करें और माता पार्वती को सिंदूर अर्पित करें।

- भगवान को खीरे, हल्वे और मालपुए का भोग लगाएं और अपना व्रत खोलें।

- ये सभी रीति पूर्ण होने के बाद इन सभी चीज़ों को किसी पवित्र नदी या तालाब में प्रवाहित कर दें।

ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीपति त्रिपाठी

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Posted By: Kartikeya Tiwari