पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज के नाम से जाना जाता है जो कि इस वर्ष 1 सितंबर 2019 को है। हालांकि कुछ लोग इसे 2 सितंबर को भी मना रहे हैं...


विष्णु पुराण के अनुसार ज्योति आयुक्त तृतीया का निषेध है और तृतीया के साथ चतुर्थी का योग श्रेष्ठ होता है। शास्त्रों में कहा जाता है की हस्त नक्षत्र और सुंदर हो तो रात्रि के समय मंडल पर हस्त भरी योग का निर्माण होता है।हस्त गौरी  योग में हरतालिका तीजधर्म का पालन करने वाली महिलाओं को चाहिए, संकल्प लेकर पूजन सामग्री एकत्र करके कलश स्थापना करें। बालू से शिवलिंग या शिव-पार्वती सहित बालू से उनकी मूर्ति बनाकर पूजन करें। घर सजाकर के कई तरह के मांगलिक गीतों से रात्रि जागरण करना चाहिए। समस्त सुहाग सामग्री पार्वती जी को और धोती शिवजी को चढ़ाया जाता है। इसके बाद शिव पार्वती की कथा सुननी चाहिए।मनोवांछित फल प्रप्ति के लिए रखें व्रत
ये वर्त महिलाओं को सौभाग्यशाली बनाता है। इससे महिलाओं को अखंड सौभाग्य और कन्याओं को मनोवांछित वर प्राप्त होता है। इसी के लिए हरतालिका व्रत किया जाता है। इस व्रत को सर्वप्रथम शिव की प्राप्ति के लिए शक्ति स्वरूपा पार्वती जी ने निराहार जल आहार किया था। तभी उन्हें शिव की प्राप्त हुई थी। आज भी शिव जैसे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत संपूर्ण भारत में और विश्व के कई देशों में रखा आता है।-पंडित दीपक पांडेय

Posted By: Vandana Sharma