दुनिया भर में साल दर साल आने वाले भयानक भूकंप और उनके आफ्टर शॉक्‍स के कारण बड़ी संख्‍या में लोगों की जान माल का नुकसान होता है। पर अब गूगल और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने मिलकर भूकंप के आफ्टर शॉक्स से होने वाले नुकसान को कम करने का एक बे‍हतरीन तरीका खोजा है।

सैन फ्रांसिस्को (आईएएनएस) हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने एक भूकंप के बाद आने वाले आफ्टरशॉक्स की जगहों की भविष्यवाणी करने के लिए मशीन लर्निंग-आधारित एक मॉडल विकसित करने के लिए Google के साथ मिलकर काम शुरु किया है।

डीप लर्निंग प्रोसेस से पहले ही पता लग सकेगा आफ्टशॉक्स का
यह प्रोग्राम इमरजेंसी सेवाओं की तैनाती में मदद कर सकता है और लोगों को बचाने के प्लान में सहायता कर सकता है। इसकी इसकी रिसर्च टीम से जुड़े एक वैज्ञानिक ने बताया है। "हमने गूगल पर मशीन लर्निंग विशेषज्ञों के साथ मिलकर डीप लर्निंग प्रोसेस से काम शुरु किया है, ताकि भूकंप के बाद आने वाले आफ्टरशॉक्स की लोकेशन का पहले ही पता लगाया जा सके। यह बात हार्वर्ड में डॉक्टरेट के छात्र फोबे डेविरी ने गूगल की ऑफिशियल ब्लॉग पोस्ट में लिखा है।

दुनिया भर में आए 118 भूकंपों का किया डेटा एनालिसिस
वैज्ञानिकों के मुताबिक धरती पर आने वाले हर शक्तिशाली भूकंप के बाद तमाम छोटे या काफी पावरफुल आफ्टरशॉक्स आते हैं। कई बार इन शॉक्स के कारण राहत बचाव का काम मुश्किल में फंस जाता है, या फिर उम्मीद से बढ़कर जान माल का नुकसान हो जाता है। इन आफ्टरशॉक्स की टाइमिंग और क्षमता का अंदाजा तो वैज्ञानिक एक पारंपरिक तरीके से लगा लेते हैं। लेकिन उनकी जगह का अनुमान लगाना अबतक नामुमकिन ही रहा है। पर अब हार्वर्ड और गूगल साथ मिलकर जो आर्टिफिशिल इंटेलीजेंस प्रोग्राम बना रहे हैं, वो दुनिया भर में आए 118 भूकंपों की एनालिसिस के आधार पर यह बात पहले ही बता देगा। अगले आफ्टरशॉक्स कब और कहां आएंगे।

आफ्टरशॉक्स की संख्या और जगह पता चलने से नुकसान होगा कम
journal Nature में छपी रिसर्च में बताया गया है कि इस नए AI प्रोग्राम में इस बात का जबरदस्त अध्य्यन किया गया है कि मुख्य भूकंप से आए धरती में तनाव और आफ्टरशॉक्स के बीच कैसा संबंध काम करता है। रिसर्चर डेविरी ने बताया है कि उनके प्रोग्राम का एल्गोरिदम मशीन लर्निंग के आधार पर रैंडम बेसिस पर किसी भी भूकंप के आफ्टरशॉक्स की संख्या और उनकी लोकेशन का सही पता बताने में सक्षम होगा। अगर ऐसा होगा तो राहत और बचाव प्लान को बेहतर तरह से अंजाम देकर लोगों की जान और माल का नुकसान कम किया जा सकेगा।

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Posted By: Chandramohan Mishra