- भ्रूण लिंग जांच के आरोपी चिकित्सक दंपति को हिरासत में लेकर हरियाणा जा रही थी टीम

Meerut : 'मुकदमा और कागजात दाखिल नहीं किए थे, इसलिए हरियाणा पुलिस और हेल्थ विभाग की टीम को फोन कर थाने में बुलाया था। टीम से कहा था कि कम से कम पूरा मामला तो बताओ, सबूत तो दो कि ये डॉक्टर दंपति गुनाहगार हैं। कल को कोई यह आरोप लगा दे कि हमारा अपहरण हो गया तो हर क्या जबाव देंगे?' जी हां, सिविल थाने के इंस्पेक्टर इकबाल अहमद कलीम का बयान है। सपा की एमएलसी सरोजनी अग्रवाल की सगी बहन भ्रूण लिंग जांच के आरोप में फंसी तो इंस्पेक्टर साहब, कोतवाल से वकील हो गए। और दोनों को थाने से जमानत दिलवाकर ही दम ली।

हो रही थी भ्रूण जांच

केंद्र सरकार की कड़ाई के बाद पूरे देश में कन्या भ्रूण हत्या या लिंग परीक्षण के खिलाफ कड़ा कानून बना। हरियाणा इस कानून का अनुपालन करने वाला सख्त राज्य बना तो भू्रण लिंग जांच और कन्या भ्रूण हत्या कराने वालों ने यूपी का रुख किया। हरियाणा के जनपद जींद में एक सेल बनाया गया जहां भ्रूण लिंग परीक्षण की शिकायत दर्ज होती है। सिविल सर्जन (सीएमओ) डॉ। दीपा जाखड़ के निर्देशन में एक टीम बनी जिसका अगुवाकार तेजतर्रार उप सिविल सर्जन (एसीएमओ) डॉ। सतीश सुलेख को बनाया गया। कार्यालय पर मेरठ के बच्चा पार्क चौराहा स्थित गर्ग अल्ट्रासाउंड पर भू्रण लिंग जांच की कई शिकायतें मिली। जिसकी बिना पर उप सिविल सजर्न डॉ। सुलेख ने सिविल सर्जन डॉ। जाखड़, डिप्टी कमिश्नर विनय सिंह यादव और एसपी अभिषेक जोरवाल के साथ बैठक कर छापा मारने की रणनीति बनाई। मंगलवार को थाना जींद शहर में आरोपी चिकित्सक के नाम मुकदमा दर्ज किया गया।

इन धाराओं में मुकदमा

थाना जींद शहर में गर्ग अल्ट्रासाउंड की संचालिका डॉ। सविता गर्ग के खिलाफ आईपीसी की धारा 336, 417, 428 एवं 3, 5ए, 23 पीएनडीटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया। गिरफ्तारी के बाद डॉ। गर्ग के पति डॉ। विनोद पुत्र देवकीनंदन गर्ग निवासी शिवानी नगर को भी आरोपी बनाया गया है।

रंगे हाथों दबोचा

ऑपरेशन को लीड कर रहे डॉ। सुलेख के निर्देशन में दस सदस्यीय टीम मेरठ पहुंची। स्टिंग ऑपरेशन के तहत एक गर्भवती महिला को दस हजार रुपये डॉ। सविता गर्ग अल्ट्रासाउंड केंद्र भेजा गया। यहां डॉ। सविता के साथ छह हजार रुपये में भ्रूण परीक्षण का सौदा तय हुआ। महिला ने एक सीरियल के पांच-पांच सौ के 12 नोट दिए। परीक्षण के दौरान ही भनक लगने पर महिला को 21 दिसंबर की आने की बात कहकर डॉ। सविता ने टरकाना चाहा। इसी बीच टीम ने छापामार डॉ। सविता को न सिर्फ हिरासत में ले लिया बल्कि नोट भी जब्त कर लिए।

डॉ। विनोद गर्ग उलझ गए

छापामारी की खबर पर अल्ट्रासाउंड सेंटर में ही मौजूद डॉ। सविता के फिजीशियन पति डॉ। विनोद गर्ग टीम से उलझ गए और अनाप-शनाप आरोप लगाने लगे। हालांकि टीम ने पुलिसबल की मदद से अल्ट्रासाउंड मशीन और कागजात जब्त कर दोनों डॉक्टरों को हिरासत में ले लिया। सिविल लाइंस पुलिस ने वापस बुलाया

टीम डॉ। सविता गर्ग, पति डॉ। विनोद गर्ग, बरामद अल्ट्रासाउंड मशीन को लेकर जींद रवना हो रही थी। दो गाडि़यों में आई पुलिस और हेल्थ विभाग की टीम अभी शहर सीमा क्रॉस भी नहीं कर पाई थी कि सिविल लाइंस थाना इंस्पेक्टर इकबाल अहमद कलीम ने सभी को फोन कर थाने में बुला लिया। टीम थाने पहुंचती इससे पहले ही आईएमए के पदाधिकारियों समेत, शहर के डॉक्टर और सत्तापक्ष के लोग थाने में जुट गए। डॉक्टर दंपति की पैरवी में सभी टीम से भिड़ गए और जमकर हो-हल्ला हुआ। पहले तो पैरोकारों ने आरोपी डॉक्टर दंपति को कस्टडी से छुड़ाने का प्रयास किया। जब बात नहीं बनी तो कानून का पाठ पढ़ाने लगे। इस बीच कई वकील भी आरोपियों की पैरवी में थाने पहुंच गए।

मुचलके दी जमानत

टीम का नेतृत्व कर रहे डॉ। सुलेख पर लोकल पुलिस से लेकर ऊपर से फोन पर लगातार दबाव बनाया जा रहा था वहीं हरियाणा (पंचकूला) के हेल्थ विभाग के एक बड़े अफसर ने भी डॉ। सुलेख को जमकर कानून बताया। फोन पर ही डॉ। सुलेख की अपने अधिकारी से तड़का-भड़की हो गई। दूसरी ओर मेरठ पुलिस किसी भी कीमत पर आरोपियों को हरियाणा पुलिस को सौंपने की स्थिति में नहीं थी। सीओ बीएस वीरकुमार मौके पर जमे रहे तो इंस्पेक्टर हरियाणा पुलिस के सब इंस्पेक्टर कुलवंत सिंह को कानून बताते रहे। देर तक चली खींचतान के बाद हरियाणा टीम को हार माननी पड़ी। डॉक्टर दंपति को सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग समझाकर मुचलका भरवाकर जमानत पर छुड़वाया गया। पहले से तैयार खड़ी सरकार एंबुलेंस पर बैठ कर दंपति घर को रवाना हो गए।

Posted By: Inextlive