- मन में आती है तिरस्कृत की भावना

आई स्पेशल

sunder.singh

Meerut: मैं प्रेम में असफल रहा। मेरा प्रेमी मेरे साथ नहीं तो ये दुनिया मेरे लिए बेमानी है। लगातार इसी तरह के विचार दिमाग में कौंधते हैं और एक वक्त वो आता है जब व्यक्ति आत्महत्या या मरने या मारने पर उतारू हो जाता है। इस तरह की घटनाएं सबसे ज्यादा बेवफाई और एक तरफा पे्रम में पागल व्यक्तियों द्वारा दोहराई जाती है।

क्या कहता है मेडिकल साइंस

न्यूरो ट्रांसमीटर में गिरावट से व्यक्ति आत्महत्या की ओर प्रेरित होता है। ब्रेन में सीरोटोनिन और न्यूरोपिनेप्यूरान दो न्यूरो ट्रांसमीटर ऐसे हैं जिसका लेवल सुसाइड या मरने-मारने की स्थिति को तय करता है। मनोचिकित्सक डॉ। रवि राणा ने बताया कि ब्रेन में न्यूरो ट्रांसमीटर के लेवल कम होने से मनुष्य में खुद को लेकर एकाकीपन की भावना जागृत हो जाती है। उसे ऐसा फील होता है कि उसकी जिंदगी अब किसी काम नहीं है। किसी के लिए उसकी जिंदगी के मायने नहीं है। डिप्रेशन से शुरू हुई ये मेन्टल डिस्आर्डरनेस सुसाइड पर जाकर समाप्त होती है। उन्होंने बताया कि डोपामाइन न्यूरो ट्रांसमीटर की स्थिति भी ऐसी घटनाओं के लिए कारक बनता है। मेडिकल काउंसलिंग के साथ मोरल सपोर्ट पेसेन्ट को ऐसी स्थित से उबार सकता है।

-12 जनवरी 2016 को रेलवे ट्रैक पर टुकड़ों में मिला प्रेमी युगल का शव

-29 अगस्त 2015 को सदर बाजार स्थित गोल्फ कोर्स के बीच ट्रेन के आगे कूदकर प्रेमी युगल ने जान दे दी।

-4 अगस्त 2015 को सदर थानाक्षेत्र में कासमपुर रेलवे फाटक के पास प्रेमी युगल का शव मिला

-19 जनवरी 2015 को मटौर गांव से गुजरने वाले रेलवे ट्रैक पर कूदकर प्रेमी युगल ने मौत को गले लगा लिया।

-6 मई 2014 को कोतवाली क्षेत्र के पोदीवाड़ा मोहल्ले में प्रेमी युगल ने जहर खाकर जीवन लीला समाप्त कर ली

वर्जन

इस तरह के केस में व्यक्ति में तिरस्कृत की फीलिंग आने लगती है। उसे लगता है मुझे अस्वीकार कर दिया गया है। जिससे उसके अहम को ठेस पहुंचती है। अस्वीकार की भावना उस पर इस कदर हावी हो जाती है कि उसके सोचने समझने की क्षमता नष्ट हो जाती है। ऐसे में वह इस तरह के कदम उठाता है।

डॉ। अनीता मोरल, मनोवैज्ञानिक

ऐसी सिचुएशन में उस व्यक्ति के अहम को ठेस पहुंचती है और उसे लगता है कि अब लोग उसकी आलोचना करेंगे। लोगों की आलोचनाओं से बचने के लिए और अहम को ठेस पहुंचने पर बदला लेने के लिए ही व्यक्ति बिना सोचे समझे इस तरह के कदम उठाता है।

डॉ। पूनम देवदत्त, मनोचिकित्सक

Posted By: Inextlive