-आपदाग्रस्त क्षेत्र में कार्यो की सूचना वेब पर हो सार्वजनिक

-धाद संस्था ने मांगों के लेकर डीएम का सौंपा ज्ञापन

DEHRADUN : राज्य में आई आपदा को एक साल बीत चुका है, लेकिन सरकार की खामियों के कारण प्रभावित इलाकों में अब भी लोग आपदा के दर्द से उबर नहीं पाए हैं। यह बातें धाद के सचिव तन्मय मंमगाई ने संडे को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही। उन्होंने कहा कि आपदाग्रस्त इलाकों में ठोस राहत पुनर्वास नीति का अभाव है।

पिछड़ा क्षेत्र हो घोषित

सचिव ने कहा कि संस्था की सरकार से मांग है कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों की आबादी का संपूर्ण पुनर्वास हो, पुनर्वास न होने तक प्रभावित लोगों को कम से कम भ्000 रुपए प्रति माह प्रति परिवार पेंशन दी जाए, शासन द्वारा आपदा प्रभावितों को लेकर बनाई जा रही नीतियों को सार्वजनिक किया जाए। उन्होंने कहा कि डीएम को ज्ञापन सौंपकर सभी मांगों को सरकार के सामने रखा जाएगा। सचिव ने बताया कि संस्था की ओर से रुद्रप्रयाग जिले के लंगौन्डी, तुलंगा, देवली, भानीग्राम, ल्वारा, ल्वानी, खुमेरा, सारी, ऊखीमठ, अगस्त्यमुनि, जखोली सहित कई प्रभावित गांवों के क्00 बच्चों का चयन किया गया है। ये ऐसे बच्चे हैं, जिनके परिवार के कमाने वाले सदस्य आपदा की भेंट चढ़ गए थे। इन सभी बच्चों को तीन साल तक सालाना दस हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इस मौके पर प्रशांत भारत नौटियाल, नीलम प्रभा वर्मा, रविंद्र नेगी, स्वाति डोभाल आदि मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive