kanpur: एचबीटीआई में 27 नवंबर से होने वाले सेमेस्टर एग्जाम्स चेंज्ड फॉर्मेट में होंगे. इतने कम टाइम पीरियड में ऐसी डिक्लेयरेशन सुनकर स्टूडेंट्स जबरदस्त टेंशन में हैं. जब से इस बात की जानकारी इंस्टीट्यूट की वेबसाइट पर दी गई है स्टूडेंट्स की पल्स रेट बढ़ गई है. उनमें इस बात को लेकर गहमागहमी मची हुई है कि आखिर अचानक ही इस बदलाव को लेकर कैसे कम्फर्टेबल हुआ जाए. इसी कवायद में कॉलेज कैंपस में उनके बीच दिनभर डिस्कशन होते रहे.

वापस आते ही बुरी खबर
इंस्टीट्यूट के स्टूडेंट्स के मुताबिक एचबीटीआई एडमिनिस्ट्रेशन ने दीपावली फेस्टिवल सेलीब्रेट करके कैंपस वापस लौटकर आते ही जोर का झटका दिया है। संस्थान ने वेबसाइट पर इस आशय की नोटिस डाल दी है कि इस बार के कमिंग  सेमेस्टर एग्जाम उस फॉर्मेट में नहीं होंगे जिसमें वो हुआ करते थे। स्टूडेंट्स ने बताया कि जब से ये नोटिस देखी है, भूख-प्यास सब मर गई है और सभी बस यही सोच रहे हैं कि इस टारगेट को कैसे जीता जाए।
क्या था, और क्या हो गया है
संस्थान के स्टूडेंट्स के मुताबिक पहले सात प्रश्न आते थे जिसमें कि फस्र्ट क्वेशचन कम्पलसरी हुआ करता था। बाकी बचे 6 क्वैश्चंश में से सिर्फ 4 ही अटेम्ट करने होते थे। प्रति क्वैश्चन 20 माक्र्स मिलते थे। जबकि इंस्टीट्यूट के डिप्टी रजिस्ट््रार एसके शर्मा के मुताबिक अब  चेंज हुए पैटर्न में स्टूडेंट्स को कुल पांच क्वैश्चंश मिलेंगे। प्रत्येक में पांच पार्ट होंगे, जिसमें कि चार सॉल्व करने होंगे। क्वैश्चन का एक पार्ट 5 माक्र्स का होगा। अब बच्चों को पांचों यूनिट पढऩा मस्ट है तभी वो सभी क्वेशचंस अटेम्प्ट कर पाएंगे।
पहले 4 यूनिट्स से चल जाता था काम
स्टूडेंट्स ने बताया कि पहले का फॉर्मेट  ऐसा था कि किसी भी विषय जिसमें कि पांच यूनिट होती थीं, उनकी सिर्फ चार पढक़र ही काम चल जाया करता था। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। क्योंकि पांचों क्वेश्चंश पांच अलग यूनिट्स से होंगे, पांचों यूनिट्स पढऩा मस्ट हो जाएगा। इससे तैयारी का पूरा शिड्यूल चरमरा गया है.  स्टूडेंट्स ने बताया कि फैकल्टी मेंबर्स भी मान रहे हैं कि चेंज फॉर्मेट टफ तो हो गया है।
 
इंस्टीट्यूट के सेमेस्टर फॉर्मेट में बदलाव किया गया है। अब सभी यूनिट्स के क्वैश्चन स्टूडेंट्स को अटेम्ट करने होंगे। इसी सेमेस्टर से इस प्रॉसेस को लागू कर दिया गया है.
-प्रो। जेएसपी राय, डायरेक्टर

फॉर्मेट चेंज होने से प्रॉब्लम तो हो गयी है। पहले माइंड में एक सेट सिस्टम था जिसके हिसाब से प्रिपरेशन करता था.
-शिवम, स्टूडेंट

क्वैश्चन पेपर में ऑप्शन की गुंजाइश खत्म हो गयी है। अब थॉरोली स्टडी करनी पड़ेगी। पूरा कोर्स पढऩा पड़ेगा.
-हर्षित, स्टूडेंट

सेमेस्टर एग्जाम के ऐन पहले जो डिसीजन लिया गया वो थोड़ा सा दिक्कत करने वाला है। अब चेंज स्टाइल में प्रिपरेशन करनी है.
-प्रिया, स्टूडेंट

एक सेट स्टाइल में पेपर आता था जिसकी आदत पड़ गयी थी। लेकिन फॉर्मेट बदल जाने से थोड़ी दिक्कत होगी.
-शिवांश , स्टूडेंट

Posted By: Inextlive