दिल्‍ली हाई कोर्ट ने ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को काफी सहूलियत प्रदान कर दी है. हाई कोर्ट का कहना है कि वेटिंग ई-टिकट पर भी सफर करने की सुविधा दी जानी चाहिये.


वेटिंग का अंतर खत्मदिल्ली हाई कोर्ट ने रेल मंत्रालय से ई-टिकट और काउंटर टिकट में वेटिंग का अंतर खत्म करने का आदेश दिया है. अभी तक काउंटरों से टिकट खरीदने वाले वेटिंग लिस्ट के यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने की इजाजत दी जाती है. जबकि ऐसी ही लिस्ट के ई-टिकट के यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने पर रोक लगी है. याचिका में कहा गया है कि काउंटरों से टिकट खरीदने वाले वेटिंग लिस्ट के पैसेंजर्स को ट्रेन में चढुने की इजाजत दी जाती है, भले ही उनका टिकट कन्फर्म न हो. लेकिन वेटिंग लिस्ट का ई-टिकट स्वत: रद्द हो जाता है. दलाल उठाते फायदा
अदालत ने कहा,'हम रेलवे को निर्देश देते हैं कि वह आज से 6 महीने के भीतर मामले पर विचार करे और अगर इस तरह की कोई बात है तो इसका चलन को रोकने का कोई तरीका निकाले. क्योंकि दलाल, बेईमान अपने फायदे के लिये फर्जी नाम से आरक्षण कराकर सीटों को ब्लॉक करते हैं. ऐसे तत्व फर्जी आरक्षण सीटों को दखल करके रखते हैं. हालांकि अदालत ने इसे भेदीभावपूर्ण नहीं बताया है और इस समस्या का यह समाधान दिया कि मंत्रालय ई-टिकट खरीदने वालों को यह विकल्प दे कि वे सीट कंफर्म नहीं होने की स्थिति में अपना टिकट रद्द कराना चाहते हैं या नहीं.

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari