Here we define that Presently almost all Digital TV broadcasters are selling their HDTV broadcast with True HD Logo But this is technically not a Full high definition video also with surround sound output. we can call this fake HD broadcast


अपने पुराने टीवी पर भद्दा और खरखराहट भरा वीडियो देखकर तमाम भारतीय दर्शकों को तब सुकून मिलने की उम्‍मीद दिखती होगी, जब वे हाई डिफीनीशन टीवी के विज्ञापन देखते होंगे। अखबारों और टीवी पर जब भी हाई डिफीनीशन टीवी का विज्ञापन आता है, तो बहुत लोगों का दिल ललचा जा जाता है, लेकिन उनमें से शायद ही किसी को मालूम होगा कि ऐसी टीवी पर काफी खर्च करने के बाद भी उन्‍हे वास्‍तविक हाईडिफीनीशन प्रसारण नहीं बल्‍कि जुगाड़ बेस्‍ड

HD प्रसारण देखने को मिलेगा। प्रसारण वास्‍तव में किस स्‍तर का है ये समझना काफी तकनीकिक है। चलिए इस HDTV

प्रसारण को कुछ आसान शब्‍दों में समझते हैं।

पहले तो आपको यह जानने की जरूरत है कि जो प्रसारण आजतक आप टीवी पर देखते आ रहे हैं

, वो तकनीकि रूप से पैल स्‍टैण्‍डर्ड टीवी प्रसारण के नाम से जाना जाता है, जिसकी पिक्‍चर साइज 720x576 पिक्‍सल है हमें यह प्रसारण स्‍टीरियो साउण्‍ड के साथ मिलता है। इसी प्रसारण का डिजिटल स्‍वरूप हमें डीटीएच यानि हमारे पर्सनल डिश एन्‍टीना और सेटटॉप बाक्‍स के माध्‍यम से मिलता है। क्‍वालिटी के स्‍तर पर केबल ऑपरेटर से मिलने वाले एनालॉग टीवी प्रसारण की तुलना में डीटीएच प्रसारण का डिजिटल प्रसारण कुछ हद तक अच्‍छा होता है। अब बात आती है हाईडिफिनीशन टीवी प्रसारण की, जिसका नाम ही उसकी साइज और क्‍वालिटी का पैमाना है। HDTV वास्‍तव में साइज और क्‍वालिटी के सतर पर परम्‍परागत टीवी से काफी अलग है, जैसे कि HDTV का वास्‍तविक साइज 1920x1080 पिक्‍सल होता है, इसके अलावा इस प्रसारण में स्‍टीरियो नहीं बल्‍कि पांच ऑडियो चैनल का सराउंड साउंड हमें मिलता है,

जिसका पूरा मजा हमें एक स्‍टैडंर्ड होम थियेटर टीवी सिस्‍टम पर ही मिल सकता है।

वास्‍तविकता और भ्रम

: हाईडिफिनीशन टीवी के सेगमेंट में ग्‍लोबल स्‍तर पर मुख्‍य रूप जो नाम सुनने को मिलते हैं, उनमें

True HD और HD Ready सबसे ज्‍यादा कॉमन नाम HD फॉरमेट हैं। इन्‍हे सुनकर कोई भी साधारण टीवी उपभोक्‍ता यही समझता है कि सिर्फ HD टीवी सेट खरीदकर ही वो हाईडिफिनीशन का पूरा मजा ले पाएगा, लेकिन यहीं पर बात टेक्‍नोलॉजिकल कंफ्यूजन की आती है, क्‍योंकि वास्‍तविकता तो यह है कि बाज़ार में बिकने वाले अधिकांश टीवी सेट्स में कंप्‍लीट HD ट्यूनर नहीं उपलब्‍ध है, बल्‍कि यदि है भी तो कंप्‍लीट HD

प्रसारण उपलब्‍ध न होने के कारण वे वास्‍तविक हाईडिफिनीशन प्रसारण हमें नहीं दे पाते। लेकिन इसका पता दर्शकों को नहीं चल पाता।

ग्‍लोबली

HDTV प्रसारण करने वाले चैनलों की संख्‍या उंगलियों पर गिनी जा सकती है, क्‍योंकि हाईडिफिनीशन टीवी प्रसारण करने के लिए किसी भी चैनल को पहले हाई डिफिनीशन वीडियो प्रोडक्‍शन करने की जरूरत होगी, और इसके लिए हाईडिफिनीशन कैमरों की की भी ज़रूरत होगी। इस पूरी प्रकिया में प्रत्‍येक चैनल को इलेक्‍ट्रानिक्‍स इक्‍यूपमेंट पर्चेज़ करने में ही काफी खर्च करना होगा। तकनीकि आधार पर हम यदि देखें तो वर्तमान में भारत या अन्‍य देशों में होने वाले HDTV प्रसारण को एक जुगाड़ तकनीकि के तौर पर देखा जा सकता है, जिसमें इनपुट HD वीडियो के बिना HD प्रसारण देने का दावा प्रसारणकर्ता करने में लगे हैं। इस जुगाड़ या नकली HD तकनीक को True HD का नाम दिया गया है, जो कि कहीं से भी True नहीं हैं। विश्‍व भर में सिर्फ कुछ गिने चुने टीवी ब्रॉडकास्‍टिंग नेटवर्क जैसे ABC America, Discovery Network, NGC Network आदि ही वास्‍तव में हाईडिफिनीशन प्रोडक्‍शन मैनेज करते हुए अपना HD

प्रसारण सलेक्‍टिव सैटेलाइट नेटवर्क के माध्‍यम से दुनिया के कुछ खास देशों में पहुंचा रहे हैं।

Posted By: Chandramohan Mishra