कलाकार नील हार्बिसन वर्णान्ध या कलर ब्लाइंड यानि वो रंगों को देख नहीं सकते लेकिन एक ख़ास यंत्र के सहारे वो रंगों को सुन सकते हैं.

हार्बिसन का कहना है कि 11 साल कि उम्र तक उन्हें इस बात का अहसास ही नहीं था कि वो केवल भिन्न स्तरों पर स्लेटी रंग को ही देख सकते हैं। हार्बिसन ने बताया " मुझे लगता था कि मैं रंग देख सकता हूँ बस मैं उनमें ज़रा उलझ जाता हूँ। जब डॉक्टर ने मुझे बताया कि मैं रंगों को नहीं देख सकता क्यों कि मुझे एक लाइलाज बीमारी है तो परेशान हुआ लेकिन पता तो लग ही गया कि गड़बड़ क्या है."

जब हार्बिसन 16 साल के हुए तो उन्होंने कला के अध्यन का फैसला लिया पर जब उन्होंने कला के शिक्षक को बताया कि वो केवल काला सफ़ेद देख सकते हैं तो शिक्षक ने उनसे पूछा कि उनके विभाग में आ कर करेगें क्या।

आखिरकार उनको कला के अध्यन की अनुमति दे दी गई और उन्हें पूरी की पूरी पढ़ाई जिन रंगों में वो देख सकते थे उन रंगों में करने की अनुमति दी गई। इसी दौरान इतिहास के अध्यन से उन्हें पता लगा कि उनके पहले भी कई लोग रंगों को आवाजों के साथ जोड़ चुके हैं।

अजूबा यंत्र

विश्वविद्यालय में उनकी मुलाकात सायबरमैटिक्स के छात्र एडम मोंटानडन से हुई जिन्होंने आग्रह के बाद एक ऐसा यंत्र बनाया जो रंगों को आवाजों में परिभाषित कर सकता था।
यह यंत्र बहुत ही साधारण था। इस यंत्र में एक वेबकैम था एक कंप्यूटर था और एक जोड़ा हेडफोन था जो उनके सामने मौजूद रंगों को आवाजों में बदल देता था। हर रंग के लिए एक विशेष आवाज़ थी, स्वर था ।

हार्बिसन याद करते हैं, "शुरू के 15 दिनों में इस यंत्र को लगाने के बाद मेरे सर में बेहद दर्द होता था लेकिन बाद में दिमाग को इन आवाजों की आदत हो गई." हार्बिसन ने इस यंत्र का इस्तेमाल चौबीसों घंटे शुरू कर दिया। वो कहते हैं , " मैंने इस यंत्र को अपने सर से कभी नहीं उतारा सिवाय 2004 के एक बार जब यह यंत्र टूट गया था."

कला पर प्रभाव

हार्बिसन बताते हैं" इस यंत्र को लगाने के बाद मैं सपनों में रंग देखने शुरू कर दिए." हार्बिसन अपनी कला पर इसके प्रभाव के बार में बात करते हुए कहते हैं कि उनका दुनिया को देखने का नज़रिया एकदम बदल गया। उनके समझाते हुए कहते हैं " मैं किसी आदमी के पास जाता हूँ उसकी आखों के रंगों को सुनता हूँ, उसके बालों के रंग को सुनता हूँ और हर रंग के लिए एक ख़ास आवाज़ है."

हार्बिसन जल्द ही एक आवाजों से बनाए पोट्रेट की एक गैलरी शुरू करने वाले हैं। उनका कहना है कि इसमें सबसे पहला चित्र ब्रिटेन के राजकुमार चार्ल्स का है। उनका कहना है कि चार्ल्स बहुत ही मधुर व्यक्ती हैं। हार्बिसन के अनुसार " कई लोग बहुत ही खूबसूरत होते हैं लेकिन वो लोग मधुर नहीं होते."

'अंतहीन सुधार'हार्बिसन का कहना है कि उनकी इलेक्ट्रौनिक आँख में सुधारों की अंतहीन संभावना है। वो कहते हैं " इस समय मैं 360 रंग देख सकता हूँ। और तो और में इन्फ्रारेड रंग भी देख सकताहूं जो की एक आम आदमी अपनी स्वस्थ आँखों से नहीं देख सकता." वो कहते हैं कि उनका पसंदीदा रंग बैंगनी है जो एक नज़र में काला लगता है और उसकी आवाज़ बहुत तीखी होती है।

Posted By: Inextlive