- नगर विधायक की फटकार के बाद भी नहीं सुधरा जिला अस्पताल प्रशासन

- अभी भी कैंसर वार्ड ही बना हुआ है कोरोना वार्ड

- स्टाफ से लेकर एसआईसी तक नहीं दे पा रहे वार्ड की सटीक जानकारी

Reality Check

GORAKHPUR: भगवान न करें कोरोना का कोई मरीज गोरखपुर जिले में मिले। क्योंकि हेल्थ डिपार्टमेंट के जिम्मेदार बचाव की तैयारियां करने की जगह वार्ड की कंफ्यूजन में ही उलझे हुए हैं। हम नहीं कह रहे, जिला अस्पताल में कोरोना को लेकर तैयारियों के दावों की हकीकत बयां कर रही है। हद तो ये कि संक्रामक अस्पताल को कोरोना वार्ड में तब्दील करना तो दूर, नगर विधायक के इंस्पेक्शन में सामने आई लापरवाही तक दूर नहीं की गई है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने यहां कोरोना को लेकर चल रही तैयारियों की पड़ताल की तो हैरान करने वाला नजारा दिखा। पता चला कि जब से इंस्पेक्शन तो हो गया लेकिन डॉक्टर्स के साथ नर्सो तक को इस बात की जानकारी नहीं है कि कोरोना का असली वार्ड आखिर है कौन सा। वहीं, जिम्मेदार कैंसर वार्ड को कोरोना वार्ड बनाए जाने पर पड़ी फटकार के बाद नगर निगम के संक्रामक अस्पताल को कोरोना वार्ड बताते नजर आ रहे हैं। अब सवाल यह है कि कोरोना की पुष्टि होने पर क्या पेशेंट को संक्रामक अस्पताल में एडमिट कराया जाएगा। अगर पेशेंट को एडमिट कराया जाएगा तो उस स्तर की व्यवस्था क्यों नहीं की गई है, जैसी कैंसर वार्ड में बनाए गए कोरोना वार्ड में है।

नर्स बता रहीं यहां, एसआईसी कह रहे वहां

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम बुधवार को जिला अस्पताल के कोरोना वार्ड में पहुंची। पांच बेड वाले कैंसर वार्ड में दो नर्स मिलीं। उन्होंने बताया कि यह कैंसर वार्ड नहीं कोरोना वार्ड है जिसके इंचार्ज डॉ। राजेश हैं जिसका नाम आईसोलेशन डिपार्टमेंट रखा गया है। वहीं एसआईसी एके सिंह से मुलाकात हुई तो उनका कहना था कि नगर निगम के संक्रामक अस्पताल को कोरोना वार्ड बनाया गया है। वहीं जब रिपोर्टर संक्रामक अस्पताल पहुंचा तो वहां के जर्जर हालात जिम्मेदारों की पोल खोल रहे थे। अस्पताल के रूम नंबर 9 में विमला देवी एडमिट थीं। वहीं दो नंबर कमरे में हरिद्वार को एडमिट किया गया था। 10 बेड के अस्पताल में दो मरीज एडमिट थे, जो डिसेंट्री के पेशेंट्स थे जबकि जिम्मेदार डॉक्टर और प्रभारी मौके से नदारद थे। फॉर्मासिस्ट शकील अहमद ने बताया कि डॉक्टर कहीं गए हुए हैं।

दुविधा में सीएमओ, कैसे कराएं शिफ्ट

बता दें, बीते दिनों नगर विधायक डॉ। राधा मोहन दास अग्रवाल कोरोना वार्ड को लेकर जिला अस्पताल में इंस्पेक्शन करने पहुंचे थे। जब सीएमओ समेत एसआईसी मौके पर कोरोना वार्ड दिखाने के लिए नगर विधायक को लेकर कैंसर हॉस्पिटल पहुंचे तो उन्होंने कैंसर वार्ड को कोरोना वार्ड में बदले जाने पर कड़ी नाराजगी जताई थी। वहीं 10 बेड वाले संक्रामक अस्पताल को कोरोना वार्ड बनाए जाने को लेकर डीएम व कमिश्नर को पत्र लिखा। अब ऐसे में सीएमओ के सामने इस बात की समस्या आ गई है कि कोरोना वार्ड को कहां शिफ्ट करें क्योंकि 10 बेड वाला संक्रामक अस्पताल नगर निगम के अंतर्गत आता है।

कोरोना वार्ड को लेकर चर्चा गर्म

कोरोना वायरस को लेकर एक तरफ जहां पूरे देश में अलर्ट है। वहीं गोरखपुर हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से जिला अस्पताल में कोरोना वार्ड में तब्दील किया गया कैंसर वार्ड चर्चा का विषय बना हुआ है। जबकि 10 बेड का संक्रामक अस्पताल में खाली पड़ा है। दूसरी ओर यह भी सवाल उठ रहा है कि अभी तक कैंसर वार्ड को कोरोना वार्ड बताने वाले जिम्मेदार कैंसर पेशेंट्स को कहां एडमिट करेंगे।

संक्रामक अस्पताल में तैनात इंप्लॉइज

डॉक्टर - 2

फार्मासिस्ट - 1

वार्ड ब्वॉय - 1

दाई - 2

मेल स्वीपर - 2

फीमेल स्वीपर - 2

पिछले छह महीने में एडमिट हुए पेशेंट्स

1 मार्च से अब तक - 42

फरवरी - 97

जनवरी - 58

दिसंबर - 65

नवंबर - 117

अक्टूबर - 231

सितंबर - 214

नोट - सितंबर 2019 से मार्च 2020 तक के आंकड़े हैं।

इन डॉक्टर्स की दो शिफ्ट में लगती है ड्यूटी

डॉ। सीवी यादव - सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक

डॉ। सतीश सिंह - रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक

Posted By: Inextlive