हां! सीएमओ को आ गई शर्म
-एक साल में हेल्थ डिपार्टमेंट ने नहीं किया एक भी स्टिंग
-पिछले छह माह में हरियाणा की टीम दो बार कर चुकी है छापेमारी -विभाग की निगरानी के लिए बनी पीएनडीटी कमेटी नहीं है सक्रिय -खाली निरीक्षण कर खाना पूर्ति कर रहे अधिकारी Meerut : मेरठ में लगातार दूसरी बार हरियाणा की टीम ने छापामार कर भू्रण लिंग परीक्षण के आरोपी डॉक्टरों को धर दबोचा है। पड़ोसी राज्य के खुफिया तंत्र की मजबूती का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दोनों ही मामलों में हरियाणा की टीम ने सीएमओ कार्यालय को बिना बताए छापा मारा और रंगे हाथों आरोपियों को पकड़ा है। इस बाबत गुरुवार को आई नेक्स्ट के सवाल के जबाव में सीएमओ बोले कि 'हां, यह हमारे लिए शर्म की बात है.' पीएनडीटी एक्ट को लागू कराने में नाकाम सीएमओ को चलो कम से कम 'शर्म' तो आई सक्रिय नहीं पीएनडीटीहेल्थ डिपार्टमेंट की निगरानी के लिए प्री निडल डिटरमिनेशन टेस्ट नाम से कमेटी गठित है, लेकिन डीएम की अध्यक्षता में बनी 13 लोगों की कमेटी सिर्फ अपने घरों में बैठकर ही निगरानी कर रही है। चेकिंग के नाम पर पिछले एक साल में टीम ने कहीं भी विभाग में पनप रहे गोरखधंधे पर छापेमारी नहीं की है।
ये है पीएनडीटी टीम
1.पंकज यादव, डीएम 2.डॉ। साधना सिंह, एसआईसी डीडब्लयूएच 3.डॉ। रमेश चंद्रा, सीएमओ 4. केशव कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट 5.डॉ। अशोक निगम, एसीएमओ 6.डॉ। अभिलाषा गुप्ता, एचओडी ओ एंड जी, मेडिकल कॅालेज 7.डॉ। ऐके जैन, कंसल्टेंट रेडियोलॉजी 8. डॉ। पीके जैन, कंसल्टेंट पीडीऐट्रिक्स 9. डॉ। विक्रम सिंह, कंसल्टेंट पैथोलॉजी 10. एस बी यादव, पीआरओ ऑफिसर 11. रवि मल्होत्रा, बाल कल्याण समिति 12.डॉ। अनीता कोटपाल, महिला प्रकोष्ठ सीडीए 13. नैना गुप्ता, लर्निग पाइंट एक प्रयास 50 फीसदी अल्ट्रासाउंड सेंटर फर्जी विभागीय रिकॉर्ड के अनुसार जनपद में 174 अल्ट्रासाउंड सेंटर रजिस्टर्ड हैं, जिनमें से 24 परामर्श केन्द्र हैं और 150 अल्ट्रासाउंड सेंटर हैं, लेकिन जिले में 300 से ज्यादा अल्ट्रासाउंड सेंटर चल रहे हैं, जिनमें दर्जनों ऐसे हैं वैधता समाप्त हो चुकी है। संबंधित विभाग के अधिकारी डॉ। वीके गुप्ता ने बताया कि पिछले एक साल में वे 128 बार निरीक्षण कर चुके हैं। उन्हे सब कुछ ठीक मिला। रो पड़ी प्यारी बिटियामुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गत वर्ष 27 नवंबर को प्यारी बिटिया नामक वेबसाइट लांच की थी। इसका लक्ष्य कन्या भ्रूण हत्या को रोकना था। इसमें भी कई सुराख बना लिए गए। तमाम केन्द्रों ने आने-जाने वाले मरीजों के रिकार्ड में भारी हेर-फेर की।
ये है वेबसाइट की भूमिका -अल्ट्रासाउंड केंद्रों के डॉक्टर्स का ब्योरा डिग्री के साथ ऑनलाइन होगा। -पंजीकृत अल्ट्रासाउंड केंद्रों का नाम जिलेवार आनलाइन होगा। -गर्भ की जांच करने वाले डॉक्टर का नाम और उसका रजिस्ट्रेशन नंबर ऑनलाइन किया जाएगा। -एक डॉक्टर के कई अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर पंजीकृत होने के गोरखधंधे पर रोक लगेगी। -अल्ट्रासाउंड में गड़बड़ी से लेकर लिंग की पहचान करने वालों की शिकायत भी दर्ज की जा सकेगी। -शिकायत पर कार्रवाई का ब्योरा ऑनलाइन होगा। -अल्ट्रासाउंड केंद्रों का पंजीयन भी वेबसाइट के जरिए हो सकेगा -अल्ट्रासाउंड शुल्क दर्ज होगा -पीएनडीटी कानून के तहत निगरानी बोर्ड की बैठकों का कार्यवृत्त इसी वेबसाइट पर दर्ज किया जाएगा। ये है जिले की कड़वी हकीकत -बाल लिंगानुपात-851 प्रति हजार। यह राष्ट्रीय अनुपात से काफी कम है। -वर्ष 1996 से अब तक महज 16 केंद्रों पर मुकदमा। -वर्ष 2012 से जून 2015 तक किसी केंद्र पर मुकदमा नहीं। -गत वर्ष अगस्त में 35, सितंबर में दो और अक्टूबर में शून्य जांच। वर्षभर में कुल 140 जांच। -मार्च 2015 से अब तक 41 केंद्रों की जांच।-जिले में 300 अल्ट्रासाउंड केंद्र महज 174 पंजीकृत, ज्यादातर केंद्रों में कोई रिकार्ड मेंटेन नहीं।
-गत वर्ष अगस्त में जिले में जांच की 8 टीमों का गठन, किसी का पता नहीं।
-हर माह 90 जांच का लक्ष्य, रिजल्ट शून्य। हरियाणा हेल्थ विभाग की छापेमारी 16 दिसंबर को हरियाणा हेल्थ और पुलिस डिपार्टमेंट ने छापेमारी कर शहर के बीचोबीच चल रहे भ्रूण जांच केन्द्र का पर्दाफाश किया था, जिसमें सपा एमएलसी डॉ। सरोजनी अग्रवाल की बहन डॉ। सविता को गिरफ्तार किया गया था। 11 जुलाई को पानीपत स्वास्थ्य विभाग की टीम और मेरठ पुलिस ने संयुक्त रूप से छापा मारकर डायग्नोस्टिक सेंटर के मालिक डॉ। संजय अग्रवाल, सेंटर के कर्मचारी पुष्पेंद्र और गिरोह के दलाल बिंटो को गिरफ्तार किया गया था। हां हमारे लिए ये शर्म की बात है कि दूसरे राज्य की टीम मेरठ में आकर स्टिंग कर रही है। और लोकल टीम हाथ पर हाथ रखे बैठी है। -डॉ। आर चंद्रा, सीएमओ