पुरुष नसबंदी को बढ़ावा देने में कमजोर साबित हुआ स्वास्थ्य विभाग

एनआरएचएम की महत्वाकांक्षी योजना 'हौसला साझेदारी' का जिले में ग्राफ गड़बड़ाया

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ALLAHABAD: परिवार नियोजन को लेकर पुरुष-महिलाओं के बीच बेहतर साझेदारी नहीं होने से सरकारी योजनाओं का हौसला टूट रहा है। यही कारण रहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में पुरुष नसबंदी को लेकर जिले का ग्राफ काफी नीचे रहा। जिसके चलते एनआएचएम के तहत चलाई जा रही केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना 'हौसला साझेदारी' को शुरुआती दौर में ही असफलता का सामना करना पड़ रहा है। तमाम सुविधाओं और प्रचार-प्रसार के माध्यम होने के बावजूद सरकारी हॉस्पिटल्स में नसबंदी के लिए पुरुष नहीं पहुंच रहे हैं जबकि प्राइवेट सेक्टर ने इस दिशा में उम्मीद से बेहतर काम करके दिखाया है।

एक परसेंट से भी नीचे पहुंचा ग्राफ

योजना के अंतर्गत पिछले साल महिलाओं के साथ पुरुष नसबंदी की संख्या में बढ़ोतरी के लिए काफी प्रचार-प्रसार किया गया। इसकी जिम्मेदारी निभा रहे स्वास्थ्य विभाग ने अपने स्टाफ के साथ एनजीओ का भी सहारा लिया था, लेकिन नतीजा सिफर रहा। साल भर में जहां 13048 महिलाओं ने नसबंदी कराई वहीं पुरुषों की संख्या महज 301 रही। जो कि कुल लक्ष्य का 0.4 फीसदी दर्ज किया गया। ऐसे में योजना के संचालन पर सवालिया निशान लगने लगा है।

छोटा ऑपरेशन भी पुरुषों को नामंजूर

डॉक्टर्स बताते हैं कि हौसला साझेदारी योजना के तहत नसबंदी के लिए पुरुषों को अधिक संख्या मे हॉस्पिटल तक लाना था। इसको लेकर घर-घर योजना का प्रचार-प्रसार कराया गया। बताया गया कि महिलाओं की नसबंदी का ऑपरेशन पुरुषों की सर्जरी की अपेक्षा अधिक जटिल होता है। इसमें रिस्क के चांसेज अधिक होते हैं। इसके मुकाबले पुरुषों का नसबंदी का ऑपरेशन महज 15 मिनट का होता है इसमें रिस्क फैक्टर काफी कम होता है। ऑपरेशन की इस विधि को एनएसवी कहा जाता है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग पुरुषों को हॉस्पिटल तक लाने में नाकाम साबित हुआ।

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सरकारी फेल, प्राइवेट पास

एक ओर पूरी सुविधाएं मौजूद होने के बावजूद सरकारी हॉस्पिटल में पुरुष नसबंदी का ग्राफ धरातल पर है तो दूसरी प्राइवेट सेक्टर को इस योजना में शामिल किए जाने का एनआरएचएम का फार्मूला कामयाब साबित हो रहा है। नवंबर में शहर के कुछ हॉस्पिटल्स को हौसला साझेदारी योजना के तहत नसबंदी किए जाने के लिए पैनल में शामिल किया गया था। इस क्रम में धूमनगंज के नारायण स्वरूप हॉस्पिटल ने बाजी मारते हुए पुरुष नसबंदी में प्रदेश में पांचवा स्थान हासिल किया है। योजना को वित्तीय सहायता प्रदान करने वाल यूएस की संस्था ने हॉस्पिटल के संचालक डॉ। राजीव सिंह को इस उपलब्धि के लिए बधाई भी दी है। मई माह में इस हॉस्पिटल में 45 से अधिक एनएसवी की गई है।

योजना पर एक नजर

वित्तीय वर्ष 2015-16 में हुई कुल महिला नसबंदी- 13048

पुरुष नसबंदी- 301

महिलाओं को दी जाने वाली राशि- 1400 रुपए

पुरुषों को दी जाने वाली राशि- दो हजार रुपए

Posted By: Inextlive