- प्राथमिकी दर्ज कराने से हेल्थ मिनिस्टर ने किया इंकार

PATNA: विपक्ष के हंगामे के बाद बिहार विधान परिषद में हेल्थ मिनिस्टर रामधनी सिंह ने दवा खरीद में दोषियों के खिलाफ की गयी कार्रवाई का ब्योरा तो दिया, पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने से इंकार भी कर दिया। अपोजिशन शेम-शेम कहते हुए वेल में आ गए और जमकर नारेबाजी की।

प्रश्नकाल हुआ बाधित

बीजेपी एमएलसी वैद्यनाथ प्रसाद के तारांकित सवाल के जवाब में हेल्थ मिनिस्टर रामधनी सिंह ने कहा कि बिहार में दवा खरीद में किए गए घोटाले की जांच जुलाई ख्0क्ब् में सरकार की ओर से गठित जांच कमेटी से करायी गयी थी। जांच में ज्यादातर आरोप कमेटी ने सही पाया। जांच कमेटी ने रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। रिपोर्ट को आधार बनाते हुए हेल्थ डिपार्टमेंट के तत्कालीन निदेशक प्रमुख डॉ। सुरेन्द्र प्रसाद, राज्य औषधि नियंत्रक हेमंत कुमार सिन्हा और पीएमसीएच के तत्कालीन डिप्टी सुपरिंटेंडेंट डॉ। विमल कुमार को निलंबित कर दिया गया है। तत्कालीन अपर निदेशक आरसीएच डॉ। डीके रमण के विरुद्ध विभागीय जांच आयुक्त के स्तर पर कार्रवाई चल रही है।

विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा

बीएमएसआइसीएल के प्रबंध निदेशक प्रवीण कुमार को निलंबित करते हुए उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के संचालन की अनुशंसा सामान्य प्रशासन से की गयी है। हेल्थ डिपार्टमेंट के तत्कालीन ज्वाइंड सेक्रेटरी, उप सचिव वित्तीय सेवाएं भारत सरकार को निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा सामान्य प्रशासन विभाग से की गयी। बीएमआईएसआइसीएल के महाप्रबंधक त्रिपुरारि कुमार , मो। सरफराज आलम सहायक प्रबंधक पूर्णिया वेयर हाउस व अपराजिता कुमारी कार्यपालक ड्रग्स पर कार्रवाई करते हुए उन्हें सेवामुक्त कर दिया गया है। सहायक प्रबंधक नितिन कुमार, प्रबंधक क्वालिटी कंट्रोल मो.शमसुर रब व महाप्रबंधक लाजिस्टिक सुनील कुमार के एक महीने की सैलरी काटने की कार्रवाई की जा रही है। एक तरफ इन कार्रवाइयों से ये जाहिर हुआ कि मामला काफी गंभीर है वहीं दूसरी ओर बीजेपी अध्यक्ष मंगल पांडेय सहित कई एमएलसी ने सवाल खड़ा किया कि आखिर प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं हो रही दोषियों पर।

Posted By: Inextlive