-परिवार नियोजन को लेकर पुरुष वर्ग नहीं है गंभीर

-नसबंदी कराने में पुरुषों से कई गुना ज्यादा आगे हैं महिलाएं

-नेशनल हेल्थ एंड फैमिली प्लानिंग की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

स्मार्ट सिटी बनारस के लोग फैमिली प्लानिंग के मामले में फिसड्डी साबित हो रहे हैं। सरकार के तमाम प्रयास के बाद भी स्वास्थ्य विभाग परिवार नियोजन कार्यक्रम को सफल बनाने में फेल ही नजर आ रहा है। यही वजह है कि साल दर साल इसके आंकड़ों में कमी आती जा रही है। 2014-2015 के बाद से शहर में नसबंदी कराने वालों में लगातार कमी आई है। फैमिली प्लानिंग को लेकर पुरुष सबसे ज्यादा बेपरवाह बताए जा रहे हैं। जबकि महिलाएं इसको लेकर बेहद गंभीर हैं। यह हम नहीं नेशनल हेल्थ एंड फैमिली प्लानिंग की रिपोर्ट कह रही है। यह हाल तब है जबकि नसबंदी कराने पर पुरुषों को भरण पोषण के लिए महिलाओं से ज्यादा धनराशि दी जाती है।

महिलाओं में ज्यादा अवेयरनेस

अधिकारियों की मानें तो फैमिली प्लानिंग को लेकर महिलाएं हमेशा से गंभीर रही हैं। इसके प्रति उनमें अवेयरनेस काफी हद तक बढ़ी है। पिछले साल जहां 1100 महिलाओं ने नसबंदी कराई, वहीं पुरुषों की संख्या मात्र 10 तक ही सिमट कर रह गई। जबकि इस योजना के तहत पुरुषों को भरण पोषण के लिए महिलाओं से कहीं ज्यादा धनराशि दी जाती है।

जागरूकता की है कमी

फैमिली प्लानिंग के मामले में पुरुष वर्ग अभी भी पुरानी मानसिकता से बाहर नहीं निकल पाया है। नसबंदी को लेकर पुरुषों की संख्या में अब भी कोई सुधार नहीं हो पाया है। सरकार की ओर से नसबंदी कराने पर पुरुषों को दी जाने वाली धनराशि तो बढ़ा दी गई, लेकिन उन्हें इसके प्रति प्रेरित करने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया। यही वजह है कि यहां महिलाओं की तुलना में पुरुष वर्ग में फैमिली प्लानिंग को लेकर इंट्रेस्ट काफी कम देखने को मिल रहा है।

पुरुषों में बैठा है डर

डॉक्टर्स की मानें तो सरकारी हॉस्पिटल्स में फैमिली प्लानिंग के लिए आने वाले ज्यादातर लोग रूरल एरिया के होते हैं। ज्यादातर कामकाजी पुरुषों में अब भी यह डर बैठा हुआ है कि अगर वे नसबंदी करा लेंगे तो वह नौकरी कैसे करेंगे? जबकि ऐसा नहीं है। नसबंदी कराने के बाद शरीर में किसी प्रकार की न कोई कमजोरी आती है न अन्य कोई दिक्कत।

एक नजर

अप्रैल 2018 से 31 अगस्त तक

341

कुल नसबंदी

326

महिलाओं का

15

पुरुषों का

692

कापर-टी

127

एमटीपी

3520

कंडोम

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2017-2018 में

1110

कुल नसबंदी

1,100

महिलाओं का

10

पुरुषों का

2044

कापर-टी

256

एमटीपी

10,010

कंडोम

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2016-2017 में

1,539

कुल नसबंदी

1,474

महिलाओं का

65

पुरुषों का

1,689

कापर-टी

353

एमटीपी

10,680

कंडोम

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किसको कितना मिलता है प्रोत्साहन

1400 रुपये

महिला नसबंदी लाभार्थी को

2000 रुपये

पुरुष नसबंदी लाभार्थी को

300 रुपये

प्रेरक आशा वर्कर को

आमतौर पर पुरुष सोचते हैं कि नसबंदी के बाद वह शारीरिक रूप से भी कमजोर हो जाते हैं और मेहनत का काम नहीं कर सकते। जबकि ये सभी धारणाएं गलत हैं। पुरुष नसबंदी को लेकर सरकार को सख्त कदम उठाने की जरूरत है।

डॉ। आरपी कुशवाहा, एसआईसी महिला चिकित्सालय, कबीरचौरा

Posted By: Inextlive