फिट रहना तो आपके हाथ में है
- बड़ी प्राब्लम बन गई हैं लाइफ स्टाइल बेस्ड बीमारियां
- फिजिकल वर्क की एग्नोरेंस और स्ट्रेसफुल लाइफ यूथ को बना रही बीमार ALLAHABAD: लाइफ स्टाइल बेस्ड बीमारियां आज चैलेंज बन कर उभरी हैं। सीनियर सिटीजन की बात छोडि़ये यूथ भी तेजी से इन बीमारियों की चपेट में आ रहा है। फिजिकल वर्क के एग्नोरेंस और स्ट्रेसफुल इररेगुलर लाइफ के चलते हार्ट डिसीज, हाईपर टेंशन, डायबिटीज जैसी बीमारियां भी यूथ में आम हो गई हैं। यूथ यह जानता है कि डिसिप्लिंड लाइफ स्टाइल और रेगुलर एक्सरसाइज से वह फिट रह सकता है। इसके बावजूद वह अपनी लाइफ स्टाइल चेंज नहीं कर पा रहा है। वर्ल्ड हेल्थ डे पर आज यह सवाल अहम हो गया है कि यदि फिटनेस आपके हाथ में है तो फिर एफर्ट क्यों नहीं करते। बॉडी पार्ट्स की फंक्शनिंग पर असरलाइफ स्टाइल बेस्ड बीमारियों के बारे में डिप्टी सीएमओ डॉ। विवेक श्रीवास्तव बताते हैं कि इन बीमारियों के पीछे सबसे बड़ा कारण है आज के समय में लोगों द्वारा फिजिकल वर्क में कमी। लोग अपने काम के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं। इसके कारण बॉडी के कई पार्ट का फंक्शन पूरी तरह से बंद रहता है। धीरे-धीरे ये आदतें कई तरह की बीमारियों का कारण बन जाती हैं। सबसे अधिक प्रॉब्लम स्ट्रेस के कारण होती है। तेजी से बढ़ रहे अवसाद के कारण लोगों को हाईपर टेंशन, हार्ट डिसीज की प्राब्लम बढ़ रही है। इसके लिए अनुशासित दिनचर्या और नियमित व्यायाम बेहद जरूरी है।
ऐसे करें कंट्रोल - बैलेंस्ड डाइट का रखें ध्यान - बिजी सेड्यूल में भी कम से कम ब्भ् मिनट का मार्निग वॉक जरूर करें - स्ट्रेस बढ़ने पर दूसरे कार्यो में मन लगा कर उसे दूर करने का प्रयास करें - व्हीकल आदि के अधिक यूज पर नियंत्रण रखें - मोटापे पर कंट्रोल रखने के लिए जरूरी उपाए करें - नशे की आदत पर करें कंट्रोल ब्रीथ फ्री जागरूकता केन्द्र का उद्घाटन हेल्थ केयर एंड मेडिकल सेन्ट रानी मंडी में संडे को ब्रीथ फ्री जागरूकता केन्द्र का उद्घाटन किया गया। जिसमें एसआरएन हॉस्पिटल के चेस्ट डिपार्टमेंट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ। आलोक चन्द्रा ने श्वास संबंधित बीमारियों जैसे अस्थमा, दमा, सीओपीडी, एजर्ली राइनटिस जैसे गम्भीर के बारे में जानकारी दी। डॉ। चन्द्रा ने इनहेलर, रोटाकैप लेने के सही तरीके समेत फेफड़ों की जांच, अस्थमा, दमा, सीओपीडी, आदि के बारे में भी लोगों को जानकारी दी। उद्घाटन मौके पर ब्रीथोमीटर द्वारा लोगों के फेफड़ों की नि:शुल्क जांच भी की गई।