-इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से सिटी में हुए प्रोग्राम में एक्सप‌र्ट्स ने रखे विचार

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PRAYAGRAJ: कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों में नई तकनीक और पद्धतियों ने देश में कैंसर के कारगर इलाज का सक्सेस रेट बढ़ाने में काफी मदद की है। यह बातें राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर के एक्सपर्ट ने कहीं। मौका था सिटी में कैंसर के इलाज में हो रहे बदलाव पर आयोजित कंटीन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन (सीएमई) प्रोग्राम का। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से आयोजित हुए कार्यक्रम में आरजीसीआईआरसी नई तकनीक और पद्धतियों के बारे में जानकारी दी गई। कार्यक्रम में सिटी के प्रोफेशनल्स भी शामिल हुए। इस दौरान सर्जिकल ओंकोलॉजी डायरेक्टर डॉ। एके दीवान और पीडियाट्रिक ओंकोलॉजी की डायरेक्टर व आरजीसीआईआरसी, नीति बाग की मेडिकल डायरेक्टर डॉ। गौरी कपूर कैंसर के इलाज से जुड़ी बारीकियों के बारे में जानकारी दी।

बॉडी पार्ट में नहीं होगा बदलाव

सीएमई प्रोग्राम में अपने विचार और नई तकनीक के बारे में जानकारी देते हुए डॉ। एके दीवान ने कहा कि कैंसर से प्रभावित अंग को सर्जरी करके शरीर से हटा देना, कैंसर के इलाज का जरूरी हिस्सा माना जाता रहा है। इससे कई बार शरीर केअंगों केकाम करने की क्षमता प्रभावित हो जाती है या बॉडी का वो पार्ट कुरूप हो जाता है। अब कैंसर के इलाज की रोबोटिक सर्जरी जैसी नई तकनीके बॉडी पार्ट को काटे बिना ही इलाज का रास्ता बना रही हैं। इस मौके पर कमला नेहरू मेमोरियल हॉस्पिटल की डॉ। राधा रानी घोष, डॉ। कमल सिंह और डॉ। शाश्वती सेन ने कैंसर के विभिन्न विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किये। एएमए इलाहाबाद के डॉ। आरकेएस चौहान व राजेश मौर्या ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

Posted By: Inextlive