- बेलछी प्रखंड के गोपालपुर में मेडिकल टीम की गई तैनात

- फंगल और एलर्जिककांटैक्ट से बढ़ी स्किन डिजीज

PATNA: पटना में एक हफ्ते से अधिक समय तक की बारिश से डिजीजेज की बाढ़ सी आ गयी है। इनमें वाटर बॉर्न डिजीजेज, मौसमी बीमारी और स्किन की डिजीजेज सभी शामिल हैं। यही वजह है कि हॉस्पीटलों की इमरजेंसी और ओपीडी के विभिन्न डिपार्टमेंट में इसका असर साफ दिखायी दे रहा है। मौसमी बीमारियों में डायरिया, इंफ्लूएंजा, जांडिस और वायरल आदि शामिल है। इनमें वाटर बॉर्न डिजीजेज भी हैं। डायरिया, जांडिस और दस्त से रह-रह कर बच्चों की तबीयत बिगड़ रही है। पटना में आने वाले सबसे अधिक पेशेंट नॉर्थ बिहार जैसे समस्तीपुर, चंपारण और मधेपुरा आदि से आ रहे हैं।

जलजमाव के इलाकों में टीम तैनात

पटना के कुछ इलाकों में वाटर लॉगिंग की प्रॉब्लम लगातार बनी हुई है। इसमें बेलछी प्रखंड के गोपालपुर का इलाका प्रमुख रूप से शामिल है। सिविल सर्जन ऑफिस से मिली जानकारी के मुताबिक गोपालपुर में मेडिकल टीम तैनात कर दी गयी है। यहां जलजमाव के कारण आस-पास के इलाकों से संपर्क टूट गया है। नावों से मेडिकल टीम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। यहां के पीएचसी में भी पानी भर गया है। मेडिकल टीम ने मलेरिया किट की व्यवस्था की है। इसके अलावा बैनर, पोस्टर आदि से भी मलेरिया व अन्य बीमारियों से बचाव के लिए अलर्ट किया जा रहा है। टीम संदिग्ध केसेज की जांच भी कर रही है।

अर्बन एरिया में बनायी गयी टीम

पटना के अर्बन एरिया में वाटर बार्न डिजीजेज की स्प्रेड को रोकने के लिए सिविल सर्जन ऑफिस और मेडिकल एजेंसियों के साथ मिलकर मेडिकल टीम बनाई गई है। इस बारे में सिविल सर्जन डॉ केके मिश्रा ने बताया कि इन इलाकों में पांच टीमें बनायी गयी है। ये इफेक्टेड इलाकों में ब्लीचिंग का छिड़काव कर रही है।

देर से पहुंचने से बढ़ रही परेशानी

डायरिया और अन्य बीमारियों को कंट्रोल करना कठिन नहीं है, लेकिन समय पर इलाज नहीं होने के कारण स्थिति बिगड़ जाती है। पीएमसीएच पेडियाट्रिक डिपार्टमेंट की हेड डॉ संजाता राय चौधरी ने बताया कि पीडियाट्रिक इमरजेंसी में हर दिन 50-70 पेशेंट हर दिन आते हैं, इनमें अधिकांश क्रॉनिक व अन्य सीजनल बीमारियों के होते हैं, लेकिन देर से इनके यहां पहुंचने के कारण उनका उचित तरीके से इलाज या रिकवरी बेहद मुश्किल होता है।

गंदा पानी कई डिजीजेज का कारण

गंदा पानी न केवल डायरिया और टाइफाइड होने का कारण हैं, बल्कि स्किन डिजीजेज भी बढ़ा रही है। इस बारे में डॉक्टरों की एडवाइस है कि वे पानी उबाल कर या प्यूरीफाई करके ही पीयें। इसके कारण स्किन डिजीजे में कैंडिएशिस, डर्मेटाइटिस आदि शामिल हैं।

स्किन पेशेंट की संख्या बढ़ी

पीएमसीएच की ओपीडी की रजिस्ट्री से पता चलता है कि पिछले पांच दिनों में सबसे अधिक पेशेंट स्किन डिपार्टमेंट से आए हैं। यहां डिपार्टमेंट के हेड डॉ आरकेपी चौधरी ने बताया कि लोग स्किन डिजीजेज को लेकर अलर्ट हैं और वाटर लॉगिंग के कारण इस डिजीज का तेजी से स्प्रेड हुआ है। इन दिनों यहां हर दिन करीब 400 पेशेंट हर दिन आ रहे हैं। इनमें सबसे अधिक पेशेंट कैनडीडा, टीनिया, एलर्जी और इनसेक्ट डर्मेटाइटिस शामिल है।

कैसे फैल रहा है स्किन डिजीजेज

फंगल, एलर्जिक कान्टेक्ट और इन्सेक्ट के कारण स्किन डिजीजेज की कई बीमारियां रिपोर्ट की जा रही है स्किन ओपीडी और स्पेशल क्लिीनिक में।

मेन स्किन डिजीजेज

फंगल इंफेक्शन, दिनाई (टीनिया या रिंग वार्म ), पानी लगना (कैंडिएसिस), एलर्जिक कान्टेक्ट से डर्मेटाइटिस और इनसेक्ट डर्मेटाइटिस आदि।

क्या है लक्षण

टीनिया में स्किन डेड होकर सफेद हो जाता है। इसमें इचिंग होती है। यह सिर्फ पैर की अंगुलियों ही नहीं कहीं भी हो सकता है, जबकि डर्मेटाइिटस में स्किन लाल हो जाता है। स्किन पर दाना निकल आता है और इचिंग होती है। इसका कारण गंदा पानी का इन्फेक्शन है। इंसेक्ट डर्मेटाइटिस का कारण स्किन पर ऐसे इनसेक्ट का काटना है, जिसके कारण प्रभावित स्किन पर लाल या काला दाग पड़ जाता है।

स्टेरॉयड मेडिसिन है खतरनाक

इस बारे में मेडिकल एक्सपर्ट का कहना है कि स्किन की कई बीमारियों में पेशेंट स्पेरॉयड की मेडिसीन का यूज करते हैं, लेकिन इससे उनके लीवर और अन्य ऑर्गन को खतरा हो सकता है। इसके अलावा उनकी इम्यून पॉवर भी घट जाती है, इसलिए डॉक्टर की एडवाइस पर ही मेडिसीन लेना चाहिए।

क्या रखें सावधानी

-पानी में लगातार काम करने से बचें।

-चप्पल नहीं, जूता पहने और पैर को कवर करके चलें।

-स्किन की साफ-सफाई करते रहें।

-मच्छरदानी का यूज करें।

वाटर बॉर्न डिजीजेज से बचें

जलजमाव के कारण मलेरिया, डायरिया, डेंगू, टायफायड, जांडिस और वायरल से प्रभावित पेशेंट की संख्या बढ़ रही है। पीएमसीएच, एनएमसीएच और आईजीआईएमएस सहित विभिन्न हास्पिटलों में इसके केसेज लगातार आ रहे हैं। इन दिनों पीएमसीएच में एक हफ्ते में क्00 से अधिक केसेज हर दिन आ रहे हैं। खासकर बच्चों और बुर्जुगों की संख्या इनमें अपेक्षाकृत ज्यादा है।

Posted By: Inextlive